नई दिल्ली: जम्मू एवं कश्मीर के कठुआ में आठ साल की बच्ची से सामूहिक दुष्कर्म पर लोगों के रोष के बाद केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने शुक्रवार को कहा कि उनका मंत्रालय बच्चों के साथ दुष्कर्म के दोषियों के लिए मृत्युदंड की सजा के प्रावधान के लिए पॉस्को एक्ट में संशोधन की मांग पर विचार कर रहा है. मेनका गांधी ने एक वीडियो संदेश में कहा, “मैं कठुआ में एक बच्ची से दुष्कर्म और हाल ही में बच्चों के साथ हुए दुष्कर्म के मामलों से बहुत व्यथित हूं.”
Deeply disturbed by incidents of rape against minors, Smt. @Manekagandhibjp and @MinistryWCD intend to propose an amendment to the POCSO Act and set a strong deterrent for perpetrators of this heinous crime. https://t.co/j50STSusLC pic.twitter.com/kTrXfmDLN6
— Ministry of WCD (@MinistryWCD) April 13, 2018
उन्होंने कहा, “मैं और महिला एवं बाल विकास मंत्रालय यौन अपराधों से बच्चों की सुरक्षा (पॉस्को) एक्ट में संशोधन का प्रस्ताव रखेंगे, जिसके तहत 12 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के साथ दुष्कर्म करने वालों के लिए मृत्युदंड की सजा का प्रावधान हो.”
We've been thinking of amendments to POCSO Act (Protection of Children from Sexual Offences) to bring death penalty for rape or provision that instills fear in people so that they refrain from doing anything wrong with children: Maneka Gandhi,Women & Child Development Minister pic.twitter.com/uL7aFdhUIX
— ANI (@ANI) April 14, 2018
इससे पहले कठुआ मामले में सरकार की ओर से केंद्रीय मंत्री वीके सिंह ने चुप्पी तोड़ते हुए कहा था कि इंसान के तौर पर हमने बच्ची को निराश किया लेकिन उसे न्याय से वंचित नहीं किया जाएगा. बच्ची खानाबदोश बकरवाल मुस्लिम समुदाय से थी. वह कठुआ के रसाना गांव के निकट अपने घर के बगल के जंगल से 10 जनवरी को लापता हो गई थी. इसके एक सप्ताह के बाद उसका शव उसी क्षेत्र से बरामद हुआ था. इस घटना पर दुख जताते हुए उन्होंने कहा कि हम इंसान के तौर पर अपनी जिम्मेदारी नहीं निभा सके. इस मामले पर प्रतिक्रिया देने वाले वह बीजेपी के शायद पहले मंत्री थे.
इस मामले की जांच के लिए गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) ने अब तक दो विशेष पुलिस अधिकारियों और एक हेड कांस्टेबल सहित आठ लोगों को गिरफ्तार किया है. हेड कांस्टेबल पर सबूत नष्ट करने के आरोप हैं. जम्मू-कश्मीर पुलिस द्वारा दायर आरोपपत्र में कहा गया है कि उस समुदाय के लोगों को इस क्षेत्र से हटाने के लिए सावधानीपूर्वक बच्ची से बलात्कार और हत्या की साजिश रची गई थी.