

Related Articles
बारह मासा का एक गीत……By-अवध बिहारी श्रीवास्तव
अवध बिहारी श्रीवास्तव Lives in Kanpur, Uttar Pradesh From Varanasi, India ============ मित्रों बारह मासा का एक गीत पूस कांधे पर अभाव की लाठी पूस घूमता गांव मे गन्ने के रस पर दिन बीता रात बिताएंगे नारायण काकी कथरी ओढ़े चुप हैं काका बांच रहे रामायण हाथ पसारें कैसे जकड़ीं मर्यादाएं पांव मे भइया ने […]
तेरी यादों का धुआं उठ रहा, दिल भी जैसे ख़ामोश कोई समुंदर है!!!!
तेरी यादों का धुआं उठ रहा, दिल भी जैसे ख़ामोश कोई समुंदर है, कुछ भूल गए कुछ याद रहा, देखो आया फिर वही बेदर्द दिसंबर है। मौसम भी बदलते हैं धीरे से, तुम हवाओं से भी तेज़ बदल गई, हैरान सा मैं कुछ ना समझ सका, ज़हन में ताज़ा अब भी वो मंज़र है। डूबने […]
ये हमारे बस का नहीं!
Naem Parvez Khan ============== आखिर अंतर फिर भी रह ही गया.🥱 बचपन में जब हम रेल की यात्रा करते थे तो माँ घर से खाना बनाकर साथ ले जाती थी, पर रेल में कुछ अमीर लोगों को जब खाना खरीद कर खाते हुए देखते, तब बड़ा मन करता था कि काश ! हम भी खरीद […]