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और वह कपड़े बदलने के लिए फिर से मन्नू की कब्र की ओर चल पड़ा….
https://www.youtube.com/watch?v=Gy4rpjFEw-s चित्र गुप्त ========== · बारात ****** “यही सड़ा-गला कपड़ा पहनकर जाएगा क्या बारात में? पता भी है तुझे कि कितने बड़े बड़े आदमी आएंगे वहाँ…?” काका बस के पिछले दरवाजे से बस के अंदर चढ़े और अंदर आते ही बड़बड़ाने लगे। रामू को पता था कि ऐसी बातें उसे छोड़कर और किसी को नहीं […]
सरदार मेघराज सिंह की एक कविता **इंसानियत के नाम**—-ज़रूर पढ़ें!
Meghraj Singh =============== एक कविता इंसानियत के नाम—- सुख चाहते हो ज़िंदगी मैं तो सच को अपनाइए । झूठ और बेईमानी को अपने अंदर से दूर भगाइए । अपने मन को सच के रास्ते पर रोज़ चलना सिखाइए । सच्चाई और ईमानदारी से अपने मन को राजा बनाइए । नफ़रत की दीवारों को प्यार के […]
एक और प्रोफ़ेसर साहब का क़िस्सा, विख्यात धार्मिक फ़ासिस्ट संगठन के नेता भी थे जो अपने को राष्ट्रवादी सांस्कृतिक संगठन कहता था!
Kavita Krishnapallavi =============== एक और प्रोफेसर साहब का किस्सा आपको एक और प्रोफेसर साहब का बेहद दिलचस्प किस्सा सुनाती हूँ जो प्रोफेसर होने के साथ ही एक ऐसे विख्यात धार्मिक फासिस्ट संगठन के नेता भी थे जो अपने को राष्ट्रवादी सांस्कृतिक संगठन कहता था I शहर का नाम नहीं बताऊँगी! ज़रूरत भी क्या है ! […]