

Vyanjana Anand
Related Articles
मेटामार्फोसिस (इक्कीसवीं सदी) : ताक़तवर नंगे लोगों की एक कथा और एक पहेली!
Kavita Krishnapallavi ============= ताक़तवर नंगे लोगों की एक कथा और एक पहेली राजा भी नंगा था पुरोहित धर्मध्वजाधारी भी और चारण भी और सभी प्रचारक भी I फिर गरजा धर्मध्वजाधारी, “मैं सबको नंगा कर दूँगा जो मुझे पाखंडी कहेंगे!” फिर राजा बोला मुस्कुराकर, “हरदम डराने की ज़रूरत नहीं होती I कवियों, कलावंतों और बौद्धिकों को […]
मनुष्य के जीवन में प्रतिदिन चारों युग आते हैं, इस प्रकार राष्ट्रगान पूरी तरह भारतीय संस्कृति का संवाहक है : #लक्ष्मी_सिन्हा का लेख पढ़िये
Laxmi Sinha ============= हमारे राष्ट्रगान का प्रभाव ‘जन_ गण_ मन’ से होता है। मानव शरीर जहां विविध जनों का सूचक है तो मनुष्य की प्रवृतियां और सोच_विचार उनके गण हैं। इन्हीं गाणों के अधीन मनुष्य जीवनपर्यंत रहता है, जोमन को प्रभावित करता है।मन को नियंत्रण करने की साधना ऋषियों ने भी बताई है, जिससे मनुष्य […]
मैं भिखारी नही हूँ, मैडम जी कुछ खाने को दे दो बच्चे दो दिन से भूखे है….
मैं भिखारी नही हूँ, मैडम जी कुछ खाने को दे दो बच्चे दो दिन से भूखे है !” निया के दरवाजे पर आई एक महिला बोली जिसके साथ मे दो छोटे बच्चे भी थे। ” भीख मांगते शर्म नही आती जब खिला नही सकते बच्चो को तो पैदा क्यो करते हो !” फोन मे लगी […]