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KCR : तेलंगाना ने केंद्र से किया ये अनुरोध, आंध्र प्रदेश को बिजली बिल के रूप में चुकाने होंगे 17,28 करोड़ रुपये

मुख्यमंत्री केसीआर ने कहा कि आंध्र प्रदेश पर तेलंगाना की बिजली वितरण कंपनियों (डिस्कॉम) का बकाया 17 हजार करोड़ रुपये से अधिक का है और केंद्र को आंध्र प्रदेश सरकार से कहना चाहिए कि 6 हजार करोड़ रुपये चुकाने के बाद शेष बकाए का भी भुगतान करे।

पड़ोसी राज्य आंध्र प्रदेश के साथ तनातनी के बीच तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव (केसीआर) ने सोमवार को राज्य विधानसभा को बताया कि आंध्र प्रदेश को बकाए बिजली बिल के रूप में तेलंगाना को 17,828 करोड़ रुपये चुकाने हैं।

हाल ही में केंद्र की ओर से आंध्र प्रदेश की बिजली कंपनियों को निर्देश दिया गया था कि वह तेलंगाना की बिजली वितरण कंपनियों की 6,756.92 करोड़ रुपये की बकाया राशि का भुगतान करे। अब तेलंगाना के मुख्यमंत्री ने केंद्र से अनुरोध किया है कि वह आंध्र प्रदेश से बकाया पैसे चुकाने के लिए कहे।

तेलंगाना के मुख्यमंत्री ने दिया ये तर्क
केसीआर ने बताया कि तेलंगाना ने सिर्फ 3 हजार करोड़ रुपये बिजली बिल का भुगतान किया था, तो केंद्र ने उसे ब्याज सहित 3,000 हजार करोड़ करोड़ रुपये का और भुगतान करने के लिए कहा था। केंद्र ने यह भी कहा था कि अगर एक महीने के भीतर बकाया नहीं चुकाया गया तो कार्रवाई की जाएगी।

तेलंगाना के अनुरोध पर केंद्र की चुप्पी
मुख्यमंत्री केसीआर ने कहा कि आंध्र प्रदेश पर तेलंगाना की बिजली वितरण कंपनियों (डिस्कॉम) का बकाया 17 हजार करोड़ रुपये से अधिक का है और केंद्र को आंध्र प्रदेश सरकार से कहना चाहिए कि 6 हजार करोड़ रुपये चुकाने के बाद शेष बकाए का भी भुगतान करे। केसीआर ने तेलंगाना के अनुरोध को लेकर केंद्र की चुप्पी पर भी सवाल उठाया।

उर्जा मंत्रालय ने तेलंगाना को दिया था ये निर्देश
उर्जा मंत्रालय ने 30 अगस्त को तेलंगाना की बिजली वितरण कंपनियों को निर्देश दिया था कि वह एक महीने के भीतर आंध्र प्रदेश विद्युत उत्पादन निगम को 6,757 करोड़ रुपये की बकाया राशि का भुगतान करे।

मंत्रालय ने आंध्र प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम, 2014 की धारा 2 का हवाला देते हुए कहा कि बकाया बिजली के बिल की भुगतान राशि को लेकर कोई विवाद नहीं है। मूल राशि 3,441.78 करोड़ रुपये है, जबकि इस पर 31 जुलाई 2022 तक 3,315.14 करोड़ रुपये का ब्याज बैठता है। लागू प्रावधानों के अनुसार इसे भी मूल राशि के साथ चुकाना है।