उत्तर प्रदेश राज्य

पैराशूट न खुलने से हाथरस का एक और पैरा कमांडो शहीद : माखन सिंह पटेल की रिपोर्ट

Makhan Singh Patel
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*पैराशूट न खुलने से हाथरस का एक और पैरा कमांडो शहीद, 29 अगस्त को भी गई थी एक जवान की जान*
शनिवार को सैन्य अभ्यास के दौरान पैराशूट न खुलने से हाथरस के पैरा कमांडो की जान चली गई। गांव नंदराम नगरिया निवासी स्व. रामचरन पचौरी यूपी पुलिस में सब इंस्पेटर थे। उनके सबसे छोटे बेटे सूरजपाल पचौरी पैरा कमांडो में हवलदार थे। वह वर्ष 2009 में भर्ती हुए थे।

हाथरस: उत्तर प्रदेश के हाथरस निवासी एक और पैरा कमांडो की लेह लद्दाख में शनिवार को सैन्य अभ्यास के दौरान पैराशूट न खुलने से जान चली गई। घटना की जानकारी होते ही परिजनों में कोहराम मच गया। पैरा कमांडो का पार्थिव शरीर रविवार को हाथरस आएगा। सैन्य सम्मान के साथ पार्थिव शरीर का अंतिम संस्कार किया जाएगा। इससे पूर्व सादाबाद के बरमाई निवासी एक और पैरा कमांडो पैराशूट न खुलने से बलिदान हो गया था।ये है पूरा मामला
गांव नंदराम नगरिया निवासी स्व. रामचरन पचौरी यूपी पुलिस में सब इंस्पेटर थे। उनके सबसे छोटे बेटे सूरजपाल पचौरी पैरा कमांडो में हवलदार थे। वह वर्ष 2009 में भर्ती हुए थे। जम्मू-कश्मीर समेत कई जगह रह चुके सूरजपाल वर्तमान में आगरा में तैनात थे। कुछ दिन पहले ही वह सैन्य अभ्यास के लिए लेह-लद्दाख गए थे। परिजनों के अनुसार, शनिवार को सूचना मिली कि सैन्य अभ्यास के दौरान पैराशूट नहीं खुलने से उनकी मौत हो गई। यह खबर सुनते ही परिवार में कोहराम मच गया। उनकी मां भगवती देवी, पत्नी ज्योति शर्मा समेत सभी लोगों में चीख-पुकार मच गई। वर्ष 2014 में उनकी शादी मथुरा की ज्योति शर्मा से हुई थी। उनकी पांच साल की बेटी तान्या, तीन साल की बेटी काव्या और डेढ़ साल का बेटा शौर्य है। जवान के मासूम बच्चों को देखकर सभी की आंखें नम हो गईं।

रविवार को हाथरस पहुँचा पार्थिव शरीर
परिजनों ने बताया कि सूरजपाल पैरा कमांडो के रूप में काफी निपुण थे। उन्होंने दो वर्ष पहले सबसे ऊंचाई से छलांग लगाकर रिकार्ड बनाया था। रविवार को उनका पार्थिव शरीर गांव लाया गया। सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार। बता दें कि इससे पूर्व सादाबाद के गांव बरामई निवासी सुग्रीव सिंह भी पैरा कमांडो के जवान थे। 29 अगस्त को वह भी सैन्य अभ्यास के दौरान पैराशूट नहीं खुलने से शहीद हो गए थे।

शहीद पैरा कमांडो सूरजपाल पिछले 14 साल से 252 add bty बटालियन में तैनात थे। आगरा हेड क्वार्टर से कुछ दिन पहले ही युद्धाभ्यास के लिए लद्दाख गए थे और शनिवार को युद्धाभ्यास के दौरान हेलीकॉप्टर से छलांग लगाते समय पैराशूट न खुलने के कारण पैरा कमांडो सूरजपाल शहीद हो गए। शहीद सूरजपाल की अंतिम यात्रा में शहर के हजारों लोग मोजूद रहे, शहीद पैरा कमांडो सूरजपाल को राष्ट्रीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई। शहीद की अंतिम विदाई के दौरान पैरा मिलिट्री फोर्स के सैंकड़ों जवान आला अधिकारी व हाथरस जिले के विधायक और पुलिस सहित प्रशासन के आला अधिकारी मौजूद रहे।