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Karnataka : कर्नाटक की बारिश ने बढ़ाई राजनीतिक दलों की चिंता

विधानसभा चुनाव मुश्किल से सात महीने दूर हैं, और शहर के नगर निकाय बृहत बेंगलुरु महानगर पालिका (बीबीएमपी) के चुनाव इस साल के अंत में होने की उम्मीद है। ऐसे में कर्नाटक में बारिश के दौरान कुव्यवस्था नेताओं पर भारी पड़ने वाली है।

कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में मूसलाधार बारिश से बुनियादी ढांचे की बदहाली उजागर हो रही है, ऐसे में शहर के मौजूदा विधायक और उनके राजनीतिक दल चुनावी संभावनाओं को लेकर काफी चिंतित नजर आ रहे हैं। विधानसभा चुनाव मुश्किल से सात महीने दूर हैं, और शहर के नगर निकाय बृहत बेंगलुरु महानगर पालिका (बीबीएमपी) के चुनाव इस साल के अंत में होने की उम्मीद है।

सबसे अधिक भाजपा को सता रहा डर
कर्नाटक में बारिश के दौरान बदइंतजामी का खामियाजा मशहूर आईटी उद्योग को भुगतना पड़ा। इसके चलते नागरिकों के एक वर्ग में स्पष्ट गुस्सा है, जिन्हें संकट के दौरान राजनीतिक दलों की तरफ से कोई मदद नहीं मिली। कुछ राजनीतिक पर्यवेक्षकों और पार्टी के अंदरूनी सूत्रों के अनुसार, यह डर सत्तारूढ़ भाजपा के भीतर अधिक प्रतीत होता है, क्योंकि नगर निकाय की निर्वाचित परिषद की अनुपस्थिति में, राज्य सरकार को सीधे तौर पर इस गड़बड़ी के लिए जिम्मेदार ठहराया जा रहा है। साथ ही, बृहत बेंगलुरु महानगर पालिका सीमा के 27 में से 15 विधायक पार्टी के हैं, जिनमें से सात कैबिनेट में मंत्री हैं।

बीबीएमपी चुनावों पर अधिक प्रभाव
अजीम प्रेमजी विश्वविद्यालय के राजनीतिक विश्लेषक ए नारायण ने कहा कि उनकी राय में इस बार बारिश का मुद्दा विधानसभा चुनावों की तुलना में बीबीएमपी चुनावों पर अधिक राजनीतिक प्रभाव पड़ सकता है, क्योंकि बाद में अन्य मुद्दे और भावनात्मक विषय सामने आ सकते हैं। हालांकि, सामान्य तौर पर, सत्ताधारी दल के लिए कठिन होगा क्योंकि यह जनता के गुस्से की सीधी रेखा में होगा।

सत्ता विरोधी लहर भी बन रही
विधानसभा चुनावों पर प्रभाव के बारे में, नारायण ने कहा कि हम अभी केवल इतना कह सकते हैं कि सत्ता विरोधी लहर धीरे-धीरे बन रही है और यह बारिश और बाढ़ से संबंधित नुकसान इसमें घाव पर नमक छिड़कने जैसा काम करेगा। साथ ही विधानसभा चुनावों में यह कुछ निर्वाचन क्षेत्रों में उम्मीदवार की लोकप्रियता पर होगा, कुछ में पार्टी के नाम पर और अन्य में दोनों के संयोजन पर होगा।