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तौहीद और शिर्क : सूरए साद आयतें 20-25 : पार्ट-50
सूरए साद आयतें 20-25 وَشَدَدْنَا مُلْكَهُ وَآَتَيْنَاهُ الْحِكْمَةَ وَفَصْلَ الْخِطَابِ (20) इस आयत का अनुवाद हैः हमने उनकी सलतनत को मज़बूत किया और उन्हें तत्वदर्शिता, न्यायपूर्ण और निर्णायक संवाद शक्ति प्रदान की। [38:20] पिछले कार्यक्रम में हमने हज़रत दाऊद के बारे में बात की। वह पैग़म्बर जो अल्लाह की बारगाह में बहुत दुआ और प्रार्थना […]
पैग़म्बरे इस्लाम फ़रमाते हैं – “जो अल्लाह और क़यामत पर ईमान रखता है वह अपने पड़ोसी को कष्ट नहीं पहुंचाता है”
पार्सटुडे- पड़ोसियों के सम्मान का लोगों के सामाजिक जीवन पर बहुत अधिक प्रभाव पड़ता है। आज लोग शहरों की ओर पलायन कर रहे हैं और उनकी जीवन शैली शहरी हो गयी है। इस बात के दृष्टिगत पड़ोसी और उसके अधिकारों का विषय अधिक महत्वपूर्ण हो गया है। इस्लाम धर्म में इस बात पर बल दिया […]
पैग़म्बरे इस्लाम फ़रमाते हैं, हसद करने वाला इंसान सबसे कम आनंद उठाता है!
पार्सटुडे- हसद व जलन एक बुरी नैतिक बुराई है। हसद का अर्थ यह है कि इंसान उस इंसान से नेअमत के ख़त्म होने की तमन्ना करे जिसे अल्लाह ने कोई नेअमत दे रखी है। जो इंसान जलता या ईर्ष्या करता है वह दूसरों को खुश नहीं देख सकता है। वह उस चीज़ के ख़त्म होने […]