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रूस ने ब्रिटेन की शैतानी चाल पर फेरा पानी, ब्रिटिश विमानों का पीछा करने के लिए मिग-31 लड़ाकू विमान भेजे : रिपोर्ट

मास्को ने लंदन को रूसी हवाई क्षेत्र में जासूसी विमान उड़ाने की योजना के खिलाफ चेतावनी दी है। रूस का कहना है कि ब्रिटेन की इस तरह की योजना जानबूझकर उकसाने वाली है।

प्राप्त रिपोर्ट के मुताबिक़, रूस के रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि ब्रिटेन ने एक नोटिस के ज़रिए जानकारी दी है कि उसका आरसी-135 जासूसी विमान रूसी हवाई क्षेत्र के ऊपर से उड़ान भरेगा। इस ब्रिटिश योजना के ख़िलाफ़, सेना को ब्रिटिश जासूसी विमानों द्वारा घुसपैठ को रोकने का आदेश दिया गया है। रूसी रक्षा मंत्रालय ने स्पष्ट कर दिया है कि वह ब्रिटिश योजना को जानबूझकर उकसाने वाला मानता है। रूसी वायु सेना को इस ब्रिटिश योजना को विफल करने का काम सौंपा गया है।

रूसी रक्षा मंत्रालय ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि इस तरह के उकसावे की कार्यवाही और इसके परिणामों के लिए ब्रिटिश पक्ष ज़िम्मेदार होगा। हालांकि, रूसी रक्षा मंत्रालय ने यह नहीं बताया कि ब्रिटेन कब और कहां जासूसी विमान उड़ाने की योजना बना रहा है। इससे पहले सोमवार को रूसी रक्षा मंत्रालय ने कहा था कि उसके युद्धक विमानों ने एक ब्रिटिश आरसी-135 जासूसी विमान का पीछा किया था। यह बैरेंट्स सी और व्हाइट सी के ऊपर आसमान में हुआ। इसके बाद रूस ने ब्रिटिश जासूसी विमानों का पीछा करने के लिए मिग-31 लड़ाकू विमान भेजे।

अपने मित्र देशों को आधुनिक हथियार देंगेः पुतीन

रूस ने अपने घटकों को अत्याधुनिक हथियारों की आपूर्ति की बात कही है।

रूस के राष्ट्रपति विलादिमीर पुतीन ने अपने एक संबोधन में माॅस्को के मित्र देशों को अत्याधुनिक हथियार देने की घोषणा की है।

उन्होंने कहा कि यह हथियार लैटिन अमरीका, एशिया और अफ्रीका में रूस के घटक देशों को दिये जाएंगे। पुतीन का कहना था कि रूस, सैन्य सहयोग का समर्थक है। उनका कहना था कि यह काम बहुध्रुवीय व्यवस्था के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण बात है। रूसी राष्ट्रपति के अनुसार उनका देश लैटिन अमरीका, एशिया और अफ्रीकी देशों को महत्व देता है और उनके लिए अत्याधुनिक हथियारों की पूर्ति के लिए तैयार है।

पुतीन ने कहा कि हम बक्तरबंद गाड़ियों, तोपो, युद्धक विमानों और चालक रहित विमानों सहित छोटे से लेकर बड़े हर प्रकार के हथियारों की आपूर्ति के लिए पूरी तरह से तत्पर हैं। अपने मित्र देशों को आधुनिक हथियारों की आपूर्ति पर आधारित पुतीन का बयान, हथियार बेचने की रूस की पारंपरिक नीति में एक प्रकार के बदलाव का सूचक है। इससे पहले तक रूस, दूसरे देशों को हथियार बेचने में कुछ चीज़ों को दृष्टिगत रखा करता था।

उदाहरण स्वरूप रूस हमेशा से अपने आधुनिक हथियारों को दूसरों के हवाले नहीं करता था जैसे वह अपने अल्ट्रासौनिक मिसाइल दूसरों को देने से बचा करता था। इस प्रकार के मिसाइल युद्ध में निर्णायक भूमिका निभा सकते हैं जिसको यूक्रेन युद्ध में बहुत ही स्पष्ट रूप में देखा गया। इसकी एक अन्य मिसाल, एस-500 मिसाइल रक्षा प्रणाली है। इस रक्षा प्रणाली को रूस ने अपनी सेना के लिए तैयार किया था जिसको उसने किसी भी देश को नहीं बेचा।

जानकारों का मनना है कि रूस की आधुनिक रक्षा तकनीक के पश्चिम, विशेषकर अमरीका के हाथों में पड़ जाने के भय से माॅस्को अबतक अपने आधुनिक हथियारों को दूसरों को बचने से बचता रहा है। हालाकि अब हालात बहुत बदल चुके हैं। यूक्रेन युद्ध को बहाना बनाकर अमरीका के नेतृत्व में पश्चिम ने रूस को अलग-थलग करने के उद्देश्य से उसके विरुद्ध बहुत ही कड़े एवं अभूतपूर्व प्रतिबंध लगाए हैं। इसी विषय के दृष्टिगत रूस ने विश्व के देशों के साथ अपने संबन्ध बढ़ाने शुरू कर दिये।

पहले चरण में तो यह व्यापारिक और आर्थिक संबन्धों में सुधार के रूप में दिखाई दे रहे हैं लेकिन अगर हम ग़ौर करें तो पता चलेगा कि हथियारों के निर्यात में रूस, विश्व में दूसरे नंबर पर है। इस हिसाब से अन्य देशों के साथ संबन्धों के सुधार में हथियारों का निर्यात भी शामिल हो सकता है। एसे में हो सकता है कि पुतीन के इस एलान के बाद बहुत से देश रूस के साथ हथियारों के बड़े समझौते करने लगें।

पश्चिमी प्रतिबंधों के कारण रूस की विदेशी मुद्रा की आय में कमी आई है। इसकी भरपाई के लिए आधुनिक हथियारों का निर्यात रूस को एक उचित विकल्प दिखाई दे रहा है। रूस की ओर से अन्य देशों को आधुनिक हथियारों के निर्यात पर आधारित पुतीन का बयान पश्चिम विशेषकर अमरीका को हज़्म नहीं हो रहा होगा क्योंकि इसी काम को रोकने के लिए अमरीका अबतक कई प्रकार के हथकंण्डे अपनाता आया है।