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जिसके घर में तिरंगा नहीं लगेगा, **हम** उसे विश्वास की नज़र से कभी देख नहीं पाएंगे : महेंद्र भट्ट, उत्तराखंड बीजेपी के प्रदेश

उत्तराखंड बीजेपी के प्रदेश प्रमुख महेंद्र भट्ट ने कुछ दिन पहले तिरंगे को लेकर एक बयान दिया था. उन्होंने कहा था, “जिसके घर में तिरंगा नहीं लगेगा, हम उसे विश्वास की नज़र से कभी देख नहीं पाएंगे. मुझे उस घर का फ़ोटो चाहिए जिस घर में तिरंगा न लगा हो.”

इस बयान पर विवाद बढ़ने के बाद अब भट्ट ने सफ़ाई दी है. इंडियन एक्सप्रेस की ख़बर के अनुसार, भट्ट ने अपनी सफ़ाई में कहा है कि उनके बयान को ग़लत संदर्भ में पेश किया जा रहा है.

उन्होंने सफ़ाई देते हुए कहा, “मैंने सिर्फ़ इतना कहा था कि जिन लोगों के पास तिरंगा नहीं है, उन पर देश भरोसा नहीं कर सकता है. आख़िर किसी को तिरंगा लगाने में किसी को क्या दिक़्क़त हो सकती है? मैंने अपनी बात इस संदर्भ में कही थी.”

इससे पहले बीते बुधवार को हल्द्वानी में आज़ादी का अमृत महोत्सव समारोह में शामिल हुए भट्ट ने कहा था कि ‘भारत उन लोगों पर भरोसा नहीं कर सकता है, जो राष्ट्रीय ध्वज नहीं फहराते.’

भट्ट ने कहा था, “जिसके घर में तिरंगा नहीं लगेगा, हम उसे विश्वास की नज़र से कभी देख नहीं पाएंगे. मुझे उस घर का फ़ोटो चाहिए जिस घर में तिरंगा न लगा हो. समाज देखना चाहता है उस घर को, उस परिवार को देखना चाहता है कि भारत को लेकर सम्मान का भाव किस किस परिवार के अंदर नहीं है.”

”घर में देश का झंडा लगाने से किसे दिक्कत हो सकती है? देश ऐसे लोगों पर भरोसा नहीं कर सकता जो तिरंगा नहीं फहराते हों.”

भट्ट ने 30 जुलाई को उत्तराखंड के बीजेपी अध्यक्ष पद का दायित्व संभाला है.

भट्ट के बयान पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए पूर्व सीएम हरीश रावत ने एक फ़ेसबुक पोस्ट में लिखा, “आख़िर ये बीजेपी कौन होती है जो किसी को उसकी देशभक्ति का प्रमाण-पत्र दे? और अगर सिर्फ़ तिरंगा फहराना ही देशभक्ति का पैमाना है तो ऐसे बहुत से लोग हैं, बहुत सी संस्थाएं हैं, जिन्होंने सालों से राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा नहीं फहराया है. हो सकता है कि वे आज भी ऐसा करने में संकोच करते हों.”

उन्होंने कहा कि आज की तारीख में 42 करोड़ से अधिक लोग ग़रीबी रेखा के नीचे जीवन-यापन कर रहे हैं और क़रीब 50-55 करोड़ लोग ऐसे हैं जो हर रोज़ के अपने खाने के इंतज़ाम के लिए संघर्ष कर रहे हैं. आख़िर इन लोगों के पास झंडे ख़रीदने के लिए पैसे कहां से आएंगे.

प्रदेश के मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने उन्हें उनके इस बयान के लिए आड़े हाथों लिया था.

उत्तराखंड कांग्रेस के पूर्व प्रमुख गणेश गोडियाल ने कहा, ”राष्ट्रीय पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष होने के नाते, कुछ भी बोलने से पहले उन्हें दो बार सोचना चाहिए. फ़िलहाल मैं पहाड़ों की यात्रा पर हूं और देख पा रहा हूं कि कई घरों में झंडे नहीं लगे हैं. शायद बीजेपी सरकार में माली हालत ख़राब होने के कारण वो तिरंगा नहीं लगा पा रहे हों.”