साहित्य

जहां नभ से भू का नाता है, जहां धरा हमारी माता है, उस देश को भारत कहते हैं : लक्ष्मी सिन्हा की रचना

Laxmi Sinha
====================
·
जिस देश का कण-कण सोना हो, जिस देश की नारी
देवी हो
जिस देश में गंगा बहती हैं, उस देश को भारत कहते हैं
जहां भाई _भाई में प्रेम हो, भाई चारे का नेम हो
जहां जात_ पांत का भेद न हो, उस देश को भारत
कहते हैं
जहां नभ से भू का नाता है, जहां धरा हमारी माता है
जहां सत्य धर्म मन भाता है, उस देश को भारत
कहते हैं!
हमने आजादी को पाया था
भारत मां की आजादी की खातिर
वीरों ने अपना सर्वश लूटाया था
उनके बलिदानों की खातिर ही
भारत को नई पहचान दिलानी है
खुद को बनाकर एक विकसित राष्ट्र
एक नया इतिहास बनाना है!
जाति_पति, ऊंच-नीच के मतभेद को मिटाना है
हर भारतवासी को अब अखंडता का पाठ सिखाना है
वीर शहीदों की कुर्बानियों को अब व्यर्थ नहीं गंवाना है
राष्ट्र का उज्जवल भविष्य बनाकर, आजादी का अर्थ
समझाना है!!
जय हिंद,जय भारत
समाज में नई दिशा देने का
हमारा संकल्प नई उषा का
आरंभ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,!
______________________Laxmi sinha