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गुरु बृहस्पति विचारमग्न बैठे थे…देवताओं के लाख सद्प्रयासों के बावजूद दानवों की प्रगति दिन प्रतिदिन बढ़ती ही जा रही थी…
चित्र गुप्त ============ चार्वाक दर्शन (जनश्रुति) ******************* गुरु बृहस्पति विचारमग्न बैठे थे। देवताओं के लाख सद्प्रयासों के बावजूद दानवों की प्रगति दिन प्रतिदिन बढ़ती ही जा रही थी। वे देवों पर युद्ध क्षेत्र से लेकर धर्म कर्म तक हर मामले में बीस ही साबित हो रहे थे। अचानक एक विचार उनके दिमाग में बिजली की […]
कभी अर्श पर कभी फ़र्श पर,,,,कभी उन के दर कभी दर -बदर….BY-परवीन शाकिर
कभी रुक गए कभी चल दिए कभी चलते चलते भटक गए यूँ ही उम्र सारी गुज़र गई यूँ ही ज़िन्दगी के सितम सहे कभी नींद में कभी होश में तू जहाँ मिला तुझे देख कर न नज़र मिली न ज़ुबां हिली यूँ ही सर झुका के गुज़र गए कभी ज़ुल्फ़ पर कभी चश्म पर कभी […]
था जो कल तक सब कुछ मेरा आज वो मुझसे जुदा हो गया….BY-Geeta Baisoya…..🙏🏿
Geeta Baisoya · ================== यूं तो कहने को उम्र में छोटा था मुझसे.. मगर बातें बहुत समझदारी की करता था…. समझाया था बहुत मैंने उसको…. मगर फिर भी न जाने क्यों नादानी कर बैठा था…. बोला था मैंने उसको ये प्यार व्यार मेरे बस की बात नहीं… मुझसे नहीं होगा, और निभा भी मैं पाऊंगी […]