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साल 2025 के शुरुआती छह महीनों में देश भर में 103 बाघों की मौत हो चुकी है!

साल 2025 के शुरुआती छह महीनों में देश भर में 103 बाघों की मौत हो चुकी है. इनमें से आधे से ज्यादा बाघों की मौत केवल दो राज्यों- मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में हुई है.

राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) के आंकड़ों के मुताबिक, इस साल 20 जून तक महाराष्ट्र में 28 और मध्य प्रदेश में 29 बाघों की मौत हुई है.

जमीन पर बैठा हुआ साइबेरियन बाघ

साल 2025 के शुरुआती छह महीनों में देश भर में 103 बाघों की मौत हो चुकी है. इनमें से आधे से ज्यादा बाघों की मौत केवल दो राज्यों- मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में हुई है. राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) के आंकड़ों के मुताबिक, इस साल 20 जून तक महाराष्ट्र में 28 और मध्य प्रदेश में 29 बाघों की मौत हुई है.

एनटीसीए के आंकड़ों के मुताबिक, भारत में साल 2012 से लेकर 20 जून, 2025 तक कुल 1,519 बाघों की मौत हुई है. सबसे ज्यादा 182 बाघों की मौत साल 2023 में हुई थी. साल 2024 में 126 बाघों की जान गई थी. लेकिन इस साल के शुरुआती छह महीनों में ही 100 से ज्यादा बाघों की जान जा चुकी है. हालांकि, इन आंकड़ों में प्राकृतिक कारणों से जान गंवाने वाले बाघों की संख्या भी शामिल है.

चिड़ियाघर में मौजूद दो बाघ

एनटीसीए के मुताबिक, साल 2012 से सितंबर, 2024 के बीच 1,386 बाघों की मौत हुई. इनमें से लगभग आधी मौतें टाइगर रिजर्वों के अंदर हुईं और करीब 42 फीसदी बाघों की मौत टाइगर रिजर्वों की सीमा के बाहर हुई. वहीं, सात फीसदी मामलों में बाघों की खाल या हड्डियां जब्त की गईं. इस अवधि में 234 बाघों की मौत उनके शिकार की वजह से हुई.

बर्फ में बैठा एक बाघ

साल 2012 से सितंबर, 2024 के बीच सबसे ज्यादा 355 बाघों की मौत मध्य प्रदेश में हुई. इसके बाद महाराष्ट्र में 261, कर्नाटक में 179, उत्तराखंड में 132, तमिलनाडु में 89 और असम में 85 बाघों की मौत हुई. इनके अलावा, बिहार में 22, राजस्थान में 36, उत्तर प्रदेश में 67 और केरल में 76 बाघों की मौत हुई.

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साहिबा खान एपी, रॉयटर्स | आदर्श शर्मा एएनआई, एएफपी

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