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तौहीद और शिर्क : सूरए साफ़्फ़ात आयतें 174-182 : पार्ट-46
सूरए साफ़्फ़ात आयतें 174-182 فَتَوَلَّ عَنْهُمْ حَتَّى حِينٍ (174) وَأَبْصِرْهُمْ فَسَوْفَ يُبْصِرُونَ (175) أَفَبِعَذَابِنَا يَسْتَعْجِلُونَ (176) فَإِذَا نَزَلَ بِسَاحَتِهِمْ فَسَاءَ صَبَاحُ الْمُنْذَرِينَ (177) इन आयतों का अनुवाद हैः अतः एक अवधि तक के लिए उनसे रुख़ फेर लो (37:174) और उन्हें देखते रहो। वे भी जल्द ही (अपना अंजाम) देख लेंगे (37:175) क्या वे हमारी […]
#मुसलमानो_के_खिलाफ़ मज्लिसे_शूरा : #SiratunNabiSeries Part-11
मोहम्मद सलीम ================= · #मुसलमानो_के_खिलाफ #मज्लिसे_शूरा #SiratunNabiSeries Post-11 जब तक हुजूर सल्ल० तन्हा रहे, उस वक्त तक न तो मक्का के #कुफ्फार को कोई चिन्ता हुई और न घबराहट, बल्कि वे हुजूर सल्ल० की बातों का मजाक उड़ाते रहे, समझते रहे कि दो चार दिन तब्लीग़ करने के बाद खुद ही खामोश हो जाएंगे, लेकिन […]
अल्लाह को पुकारो चाहे सख़्ती में चाहे आराम में : जीवन में दुआ का स्थान व मक़ाम
एक शोध व अध्ययनकर्ता का कहना है कि इंसानों को जब आघात पहुंचता है तो उनकी समझ में आता है कि केवल अल्लाह निर्धारित व फ़ैसला करने वाला है, सब कुछ उसी के हाथ में है तो वे सब अल्लाह की शरण में जाना चाहते हैं परंतु जब वे आराम और नेअमत में होते हैं […]