मध्य प्रदेश राज्य

कुछ विवरण आपको विचलित कर सकते हैं, महिलाओं के ख़िलाफ़ अपराध क्यों नहीं थम रहे?

चेतावनी: इन घटनाओं के कुछ विवरण आपको विचलित कर सकते हैं.

मध्य प्रदेश में बीते सप्ताह दो अलग-अलग शहरों में महिलाओं की हत्या की दो वीभत्स घटनाएँ सामने आईं, जिससे राज्य में महिलाओं की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं.

पहली घटना नरसिंहपुर ज़िले के ज़िला अस्पताल की है, जहाँ एक नाबालिग लड़की की अस्पताल में चाकू से हमला कर हत्या कर दी गई.

27 जून को हुई इस घटना का वीडियो सोमवार शाम को सोशल मीडिया पर वायरल हुआ.

नरसिंहपुर ज़िले की पुलिस अधीक्षक मृगाखी डेका ने बीबीसी से कहा, “घटना बहुत ही वीभत्स है और इस मामले में हमने एक घंटे में ही अभियुक्त को गिरफ़्तार कर लिया था. यह घटना 27 जून की है. दोपहर लगभग 3 बजे ज़िला अस्पताल के इमरजेंसी वॉर्ड के सामने अभियुक्त ने लड़की का गला काटकर हत्या कर दी.”

पुलिस ने बताया कि इस मामले में बीएनएस (भारतीय न्याय संहिता) की धारा 103(1) (हत्या के अपराध से संबंधित) के तहत मामला दर्ज किया गया है और हत्या के पीछे के कारणों को लेकर जांच की जा रही है.

जांच से जुड़े एक अधिकारी ने नाम सार्वजनिक न करने की शर्त पर बीबीसी को बताया कि अभियुक्त ने पुलिस को दिए बयान में अपना जुर्म कुबूल किया है और बताया है कि वह 7 दिन से हत्या की कोशिश कर रहा था.

अधिकारी ने कहा, “अभियुक्त अभिषेक के पुलिस को दिए बयान के मुताबिक़ वह लड़की से लगभग दो साल पहले सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म इंस्टाग्राम पर मिला था. दोनों में दोस्ती हुई. लेकिन जनवरी 2025 से लड़की उससे दूरी बनाने लगी थी. अभियुक्त के मुताबिक़ इसको लेकर दोनों में बहस और लड़ाई भी हुई. जून की शुरुआत में भी इसको लेकर दोनों में काफ़ी झगड़ा हुआ.”

इस घटना पर एसपी डेका ने बीबीसी से कहा, “अभी हमारे पास सिर्फ़ अभियुक्त के बयान हैं. घटना का वीडियो सामने आ गया है तो इसमें षड्यंत्र का कोई मामला नहीं लग रहा है. हम परिजनों के बयान का इंतज़ार कर रहे हैं और साथ ही तकनीकी साक्ष्य इकट्ठे किए जा रहे हैं ताकि अभियुक्त के लड़की के साथ रिश्ते में होने के दावों को वेरिफ़ाई किया जा सके.”

परिजनों का पुलिस और अस्पताल पर लापरवाही का आरोप

महिलाओं के ख़िलाफ़ अपराध

परिजनों के मुताबिक़, लड़की नरसिंहपुर ज़िला अस्पताल में दो महीने की ट्रेनिंग कर रही थी.

बीबीसी से बात करते हुए लड़की के चाचा ने कहा, “मेरी भतीजी बहुत साधारण लड़की थी. उसने कभी किसी को शिकायत का मौक़ा ही नहीं दिया था. उसने 12वीं में बायोलॉजी विषय चुना था और इसी साल परीक्षा के बाद ज़िला अस्पताल में ट्रेनिंग के लिए गई थी. उसे नर्स बनना था.”

बीबीसी से फ़ोन पर बात करते हुए लड़की के चाचा ने रोते हुए कहा, “हमारी भतीजी की क्या ग़लती थी? उसके पिता घटना के बाद से ही कुछ भी बोलने की स्थिति में नहीं हैं. पता नहीं उस लड़के ने इतनी बेरहमी से क्यों हत्या कर दी.”

लड़की अपने माता-पिता की इकलौती संतान थी.

इसी फ़ोन कॉल पर अस्पताल और पुलिस पर आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा, “इतने बड़े अस्पताल में कोई हथियार लेकर अंदर कैसे पहुंचा? उसके बाद सबके सामने मेरी भतीजी की हत्या कर दी.”

“उससे पहले उसे मारा पीटा, तब तक कोई सिक्योरिटी गार्ड, कोई पुलिस अधिकारी क्यों नहीं पहुंचा. उनकी लापरवाही और सही से ड्यूटी न करने की वजह से मेरी भतीजी वहां मदद के लिए चिल्लाती रही लेकिन उसको मदद नहीं मिली.”

नरसिंहपुर के मुख्य चिकित्सा अधिकारी श्याम सिंह ठाकुर ने बीबीसी से कहा, “यह घटना दुखद है. हमारे पास 18 सिक्योरिटी गार्ड की पोस्ट हैं और वे तीन शिफ्टों में काम करते हैं. हर जगह सिक्योरिटी गार्ड नहीं मौजूद रह सकते. लेकिन हम सिक्योरिटी एजेंसी का टेंडर निरस्त करने की प्रक्रिया आगे बढ़ा रहे हैं.”

भोपाल में लिव-इन पार्टनर ने महिला की हत्या कर शव छिपाया

विश्वविद्यालय
दूसरी घटना राजधानी भोपाल की है. भोपाल के बजरिया थाना क्षेत्र में एक युवक को अपनी लिव-इन पार्टनर की गला घोंटकर हत्या करने के आरोप में सोमवार 30 जून को गिरफ़्तार किया गया.

पुलिस के अनुसार अभियुक्त की पहचान सचिन राजपूत के नाम से हुई है.

बजरिया थाना प्रभारी शिल्पा कौरव ने समाचार एजेंसी पीटीआई से कहा, “लड़की अभियुक्त सचिन राजपूत के साथ लिव-इन रिलेशनशिप में रह रही थी. वह एक कामकाजी महिला थी और दोनों किराए के मकान में रह रहे थे.”

भोपाल में जांच से जुड़े एक अधिकारी ने नाम सार्वजनिक न करने की शर्त पर बीबीसी से कहा, “अब तक ये जानकारी सामने आई है कि सचिन राजपूत बेरोज़गार था और वो अपनी पार्टनर पर शक करता था. शुक्रवार रात दोनों के बीच झगड़ा हुआ और सचिन ने अपनी पार्टनर का गला घोंट दिया.”

पुलिस के अनुसार, 27 जून को हत्या के बाद अभियुक्त ने महिला के शव को दो दिनों तक कमरे में छिपाए रखा था. पुलिस ने कहा, “वह दो दिन तक उसी कमरे में शव के साथ रहा और इस दौरान भारी मात्रा में शराब पीता रहा.”

पुलिस ने शव को क़ब्ज़े में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और अभियुक्त को गिरफ़्तार कर लिया गया है.

महिलाओं के ख़िलाफ़ अपराध क्यों नहीं थम रहे?

बीबीसी

मध्य प्रदेश में महिलाओं के ख़िलाफ़ होने वाले अपराधों के आंकड़े कई वर्षों से चिंताजनक रहे हैं.

राज्य सरकार द्वारा विधानसभा में पेश किए गए ताज़ा आंकड़ों के अनुसार, 2024 में औसतन प्रतिदिन 20 बलात्कार के मामले दर्ज किए गए.

राज्य के गृह विभाग के मुताबिक़ साल 2020 में जहां 6,134 बलात्कार के मामले दर्ज किए गए, वहीं 2024 में यह संख्या बढ़कर 7,294 हो गई, जो 19 प्रतिशत की वृद्धि को दर्शाता है.

बीबीसी ने महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराध के मामलों पर सरकार का पक्ष जानने की भी कोशिश की.

महिला एवं बाल विकास विभाग में एडिशनल डायरेक्टर और महिला सशक्तिकरण परियोजना का कार्यभार संभाल रहीं सीमा ठाकुर ने बीबीसी से इस बारे में बात की.

उन्होंने कहा, “इस मामले में विभाग की ओर से कई काम किए जा रहे हैं, लेकिन मैं इस पर बोलने के लिए अधिकृत नहीं हूं.”

विभाग की जनसंपर्क अधिकारी बिंदु सुनील ने बीबीसी से कहा, “विभाग की ओर से हर ज़िले में महिलाओं से संबंधित मामलों के एक स्थान पर समाधान के लिए ‘वन स्टॉप सेंटर’ नाम से विशेष सेल बनाए गए हैं. इसके अलावा, हम ‘शौर्य दल’ नाम से एक परियोजना चला रहे हैं, जो युवा लड़कियों को आत्मरक्षा का प्रशिक्षण देने का कार्य कर रही है. महिलाओं से संबंधित अपराधों के मामलों में मुख्य भूमिका पुलिस की होती है.”

यह भी उल्लेखनीय है कि राज्य महिला आयोग में 50 हज़ार से ज़्यादा शिकायतें लंबित हैं. हालत ये है कि महिलाओं की शिकायतें सुनने के लिए साल 2020 से यहां सदस्यों की संयुक्त बेंच तक नहीं बैठी है.

राज्य में महिलाओं के ख़िलाफ़ बढ़ते हुए अपराधों पर प्रदेश की बरकतउल्लाह यूनिवर्सिटी में समाजशास्त्र की प्रोफ़ेसर अनीता धुर्वे कहती हैं, “ये अपराध किसी एक कारण से नहीं हो रहे हैं. इनके पीछे बेरोज़गारी, लगातार घटते संयुक्त परिवार, सबकुछ जल्द हासिल कर लेने वाली लाइफ़स्टाइल और मीडिया का जुर्म के मामलों को सनसनी के तौर पर पेश करना आदि कारण मिल-जुलकर काम कर रहे हैं.”

वह आगे कहती हैं, “जिस तरह बंदूक़ को देखकर या छूकर एक नेगेटिव थ्रिल होता है, वैसा ही माहौल आज कल के युवाओं के लिए मीडिया जुर्म से जुड़ी कहानियों को प्रस्तुत करके बनाता है. इसका युवा मस्तिष्क पर क्या प्रभाव पड़ेगा इसकी किसी को चिंता नहीं है.”

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विष्णुकांत तिवारी
पदनाम,बीबीसी संवाददाता, भोपाल

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