उत्तर प्रदेश राज्य

कानपुर : पान मसाला कंपनी के सेल्स एग्जीक्यूटिव ने सुसाइड नोट लिखकर फंदे से लटककर जान दी!

कानपुर।रायपुरवा थानाक्षेत्र में शनिवार रात एक पान मसाला कंपनी के सेल्स एग्जीक्यूटिव ने दो पन्नों का सुसाइड नोट लिखकर फंदे से लटककर जान दे दी। नोट में उसने कंपनी के चार लोगों पर प्रताड़ना और सैलरी रोकने का आरोप लगाया है। परिजनों का कहना है कि कंपनी ने आरोप लगाकर उसे निकाल दिया था। इस वजह से वह अवसाद में चल रहा था। सूचना पर पहुंची पुलिस ने जांच कर शव पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया।

Kanpur: Sales executive hanged himself, suicide note found

देवनगर निवासी अखिलेश चंद्र मिश्रा का बेटा अमित नाथ मिश्रा (36) पिछले 17 साल से एक पान मसाला कंपनी में काम कर रहा था। बड़े भाई आदित्य ने बताया कि अमित की पत्नी अनुजा मिश्रा, डेढ़ साल के बेटे देवांश और तीन साल की बेटी पूर्वी के साथ मायके रावतपुर गांव गई थी। पिता लाटूश रोड स्थित दुकान में काम के लिए गए थे। वहीं, उनकी पत्नी सपना रसोईघर में काम में व्यस्त थीं। शनिवार शाम वह 7:40 पर घर लौटे तो अमित का दरवाजा थोड़ा सा खुला था। अंदर गए तो उसका शव चादर के सहारे पंखे से लटक रहा था। घटना देख उन लोगों के पैरों चले जमीन खिसक गई।

बड़े भाई ने बताया कि कंपनी के लोगों ने सैलरी रोककर अमित को बहुत परेशान किया। तरह-तरह के आरोप लगाकर नौकरी से निकाल दिया। 20 मई से वह घर पर ही रह रहा था और अवसाद में था। इंस्पेक्टर रायपुरवा संतोष कुमार गौड़ ने बताया कि युवक ने सुसाइड नोट में जो आरोप लगाए हैं, उनकी जांच की जा रही है। परिजनों ने भी आरोप लगाए हैं। तहरीर मिलने पर जांच कर कार्रवाई की जाएगी।

Kanpur: Sales executive hanged himself, suicide note found
दो पन्ने के सुसाइड नोट में लिखी ये बातें..
मैं अमित नाथ मिश्रा अपनी कंपनी केपी ग्रुप के कारण जान दे रहा हूं। मैं दबाव में था, हमको चार लोगों ने प्रताड़ित किया है। शशांक शुक्ला, पंकज भदौरिया, नीलेश शुक्ला, किशन तिवारी ने हमको इतना परेशान किया और मेरी नौकरी खाई। आवाज उठाई तो संदीप ने दबा दिया। मुझको रोज प्रताड़ित करते थे और मेरे ऊपर ब्लेम लगाकर निकाल दिया। ना मेरी सैलरी दी और बोलते थे तुमसे जूते साफ कराएंगे। राकेश मिश्रा (कंपनी के मालिक) के पास गया तो उन्होंने केवल उन्हीं का साथ दिया, क्योंकि संदीप के सारे रिश्तेदार इस कंपनी में लगे हैं। इसीलिए हमसे वह बार-बार झगड़ा करते थे। मैं इतना परेशान हूं कि मैं आत्महत्या करने जा रहा हूं। जो मेरे इंश्योरेंस में पैसा हैं वह मेरी पत्नी को दे देना मेरे जाने के बाद। मेरे बच्चों को कोई भी प्रताड़ित न करें। चाचा मुझे माफ कर देना। बस यह चार लोगों को कड़ी से कड़ी सजा हो जो ग्रुप में काम करते हैं।

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