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मैं हूँ जो मैं हूँ—“अत्यंत दुष्ट भी न बन, और न ही मूर्ख हो: तू क्यों अपने समय से पहले मरे?
Meghraj Singh =============== पूरे विश्व के इंसानों की ज़िंदगी में दो दरवाज़े आते हैं इन दरवाज़ों के बारे में विश्व के सिर्फ़ 0.1% इंसान ही जानते हैं । किस दरवाज़े से इंसान दुखों के घर में पहुँच जाता है और किस दरवाज़े से इंसान सुखों के घर में पहुँच जाता है इसके बारे में भी […]
हिंदुओं में सुधार होना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन है—क्योंकि—सरदार मेघराज सिंह के विचार जानिये!
Meghraj Singh ============= हिंदुओं में सुधार होना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन है — क्योंकि — जो हिंदू धर्म के ठेकेदार ब्राह्मण हैं उन को धर्म का कोई ज्ञान नहीं है जिस धर्म के ठेकेदारों को धर्म का ज्ञान ही नहीं है उस धर्म का सुधार होना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन है । ब्राह्मण धर्म के […]
असली कथा आगे शुरू होती है….”साहब ! हम “ग़रीब” हैं, पर “बेईमान” नहीं हैं”
Sukhpal Gurjar ============== तस्वीर दिल्ली के एक साधारण टैक्सी चालक देवेन्द्र की है. देवेन्द्र मूलतः बिहार के रहने वाले हैं। एक दिन देबेन्द्र की टैक्सी में कश्मीर का निवासी बैठा जिसे एयरपोर्ट से पहाड़गंज तक जाना था। देवेन्द्र ने उसको पहाड़गंज छोड़ा, अपना किराया वसूला और वापिस टैक्सी स्टैंड की ओर चल पड़े। इसी बीच […]