विशेष

फूलन देवी….मुकेश अंबानी की पार्टी तो अब शुरु हुई है…अब राही मासूम रज़ा को उम्र क़ैद की सज़ा मिल गई…

Kranti Kumar
@KraantiKumar
एक पॉडकास्ट में एक्टर गोविंद नामदेव बता रहे थे बैंडिट क्वीन फ़िल्म की कॉस्ट्यूम डिजाइनर डॉली अहलूवालिया ने शेखर कपूर से फूलन देवी से मिलने की परमिशन मांगी.

जब डॉली अहलूवालिया फूलन देवी दे मिली तो उन्होंने ने पूछा क्या मैं जान सकती हूँ ऐसा क्या हुआ कि आपने 24 लोगों को एक लाइन में खड़ा कर गोली मार दी.

फूलन देवी ने जवाब में अपने ऊपर हुए पूरे शोषण की कहानी बता दी. कैसे गांव की एक विशेष जाति ने उनपर अत्याचार किया, पति ने शोषण किया.

एक एक आदमी ने कैसे बलात्कार किया. इतना सुनते ही डॉली अहलूवालिया रोने लगी. फूलन देवी ने कहा रोती क्यों है अभी 50% बात बताई है, 100% बात बताऊंगी तो क्या हाल होगा.

गोविंद नामदेव ने आगे कहा : इसके बाद फूलन देवी ने अपनी छाती खोल दी, डॉली अहलूवालिया से कहा ये देखो छाती में गड्ढे हैं, बलात्कारियों ने छाती के मांस को नोंच लिया था.

Ranvijay Singh
@ranvijaylive
साल था 2023

एक आदमी यूपी के महराजगंज में रेहड़ी पटरी का काम करने पहुंचा. उसने BJP के वरिष्ठ नेता राही मासूम रजा के घर किराए पर कमरा लिया.

BJP के वरिष्ठ नेता की गंदी नजर आदमी की लड़कियों पर पड़ी. उसने बड़ी बेटी का रेप किया, छोटी बेटी से छेड़छाड़ करता.

ये बात लड़कियों के पिता को मालूम चली तो BJP के वरिष्ठ नेता ने उसकी पीट पीटकर हत्या कर दी.

अब राही मासूम रजा को उम्र कैद की सजा मिल गई है.

Prashant Tandon
@PrashantTandy
मुकेश अंबानी की पार्टी तो अब शुरु हुई है:
# मोदी सरकार ने अंबानी की स्पेक्ट्रम नीलाम करने की मांग ठुकराकर ट्रंप के करीबी एलन मस्क के स्टार लिंक का रास्ता साफ़ कर दिया. एयरटेल और मस्क के स्पेस एक्स की डील हो चुकी है.
# मोदी सरकार ने ओएनजीसी की गैस चोरी के मामले में रिलायंस को 24000 करोड़ रु की वसूली का नोटिस भेज दिया है.
# रूस से 13 बिलयन डॉलर की क्रूड ऑयल डील अमेरिका ने फंसा दी है. जामनगर रिफाइनरी के लिये जनवरी से प्रतिदिन 5 लाख बैरल क्रूड आना था.
अमेरिका ने रूसी कंपनी Rosneft के तेलवाहकों पर प्रतिबंध लगा दिया.
मोदी इसे प्रतिबंध को छुड़ा नहीं पा रहे हैं.
मुकेश अंबानी ने 2012 में न्यूज़ 18 खरीदा और मोदी के लिए एजेंडा सेट करना शुरु किया. अंबानी के चैनल समाज में सबसे ज़्यादा नफ़रत घोलने का काम करते हैं.

डिस्क्लेमर : लेखक के निजी विचार हैं, तीसरी जंग हिंदी का कोई सरोकार नहीं!

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