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ग़ज़ा शहर के 90 प्रतिशत घर नष्ट हो गए हैं, ग़ज़ा को तबाह करने में इज़राइल का लक्ष्य?

ग़ज़ा के बुनियादी ढांचे को नष्ट करने में इज़राइल का टारगेट क्या है?/ 6 फ़िलिस्तीनी बच्चे ठंड से जम गए!

पार्सटुडे – फ़िलिस्तीन के स्वास्थ्य मंत्रालय ने ज़ायोनी शासन के क़त्लेआम में शहीद होने वालों की संख्या के 48 हज़ार 348 लोगों तक बढ़ जाने की सूचना दी है।

फ़िलिस्तीन के स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक बयान में कहा है: 7 अक्टूबर, 2023 से ग़ज़ा युद्ध की शुरुआत के बाद से अब तक, ज़ायोनी शासन के नरसंहार में शहीद होने वालों की संख्या 48 हजार 348 लोगों तक पहुंच गई है जबकि घायलों की संख्या 1 लाख 11 हजार 761 लोगों तक पहुंच गई है।

पार्सटुडे के अनुसार, फ़िलिस्तीन के स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि: पिछले 24 घंटों में, दो शहीदों के शव ग़ज़ापट्टी के अस्पतालों में स्थानांतरित किए गए। पिछले 24 घंटों में एक शव को मलबे से निकाला जबकि ज़ायोनी सैनिकों ने एक फ़िलिस्तीनी को शहीद कर दिया। इस दौरान दो फ़िलिस्तीनी घायल भी हुए।

ग़ज़ापट्टी में 471 दिनों के युद्ध और नरसंहार के दौरान, ज़ायोनी सेना हमास आंदोलन के विनाश सहित अपने घोषित लक्ष्यों को प्राप्त करने में विफल रही और अंततः प्रतिरोध के खिलाफ हार स्वीकार करने और युद्धविराम समझौते को स्वीकार करने पर मजबूर हुई।

ग़ज़ा में अत्यधिक ठंड की वजह से 6 बच्चों की मौत हो गई

इस बीच, पिछले कुछ दिनों बहुत ज़्यादा ठंड और हीटिंग उपकरणों की कमी की वजह से ग़ज़ापट्टी में 6 फ़िलिस्तीनी बच्चों की मौत हो गई।

इस संबंध में, फ़िलिस्तीन के इस्लामिक प्रतिरोध आंदोलन (हमास) ने घोषणा की: अत्यधिक ठंड और हीटिंग सुविधाओं की कमी के कारण ग़ज़ा में 6 बच्चों की मौत और साथ ही अस्पतालों में कई अन्य बच्चों की हालत का नाज़ुक होना, अतिग्रहणकारी फांसीवादी शासन की आपराधिक नीतियों और आवश्यक वस्तुओं व मानवीय सहायता के मार्ग में रुकावट डालने का परिणाम है।

ग़ज़ा शहर के 90 प्रतिशत घर नष्ट हो गए हैं

ग़ज़ापट्टी के दक्षिण में रफ़ा के मेयर अहमद अल-सूफ़ी ने भी शहर की ताज़ा स्थिति के बारे में कहा: ज़ायोनी शासन के हमलों की वजह से शहर के 90 प्रतिशत घर पूरी तरह या आंशिक रूप पर नष्ट हो गए हैं।

ग़ज़ा को तबाह करने में इज़राइल का लक्ष्य, इसे रहने लायक न बनने देना है

इस संदर्भ में संयुक्त राष्ट्र संघ में फ़िलिस्तीन के स्थायी प्रतिनिधि रियाज़ मंसूर ने इस बात पर जोर दिया कि ग़ज़ापट्टी में जानबूझकर किए गए विनाश के लिए ज़ायोनी शासन जिम्मेदार है, जिसका उद्देश्य इसे एक निर्जन क्षेत्र में तब्दील करना है।

पश्चिमी तट पर ज़ायोनी हमलावरों के हमले हुए तेज़

ज़ायोनी शासन के सैनिकों ने जॉर्डन नदी के पश्चिमी तट पर स्थित नाब्लस और हेब्रोन शहरों पर हमला किया और जिसके बाद फ़िलिस्तीनी युवाओं के साथ उसकी झड़पें हुईं। इन झड़पों में एक फ़िलिस्तीनी जवान शहीद और 31 अन्य घायल हो गए।

शोहदाए अल-अक़्सा ब्रिगेड ने एलान किया कि इन झड़पों में फ़िलिस्तीनी संघर्षकर्ताओं ने ज़ायोनी शासन के सैनिकों और वाहनों को निशाना बनाया, जिसके परिणामस्वरूप कई सैनिक घायल हुए।

आम लोगों के लिए मस्जिदुल अक्सा बंद किए जाने की निंदा

फ़िलिस्तीन के इस्लामिक प्रतिरोध आंदोलन (हमास) ने एक बयान में घोषणा की कि वह पवित्र रमज़ान के महीने के दौरान मस्जिदुल अल-अक्सा को बंद करने या वहां तक आम लोगों की पहुंच को सीमित करने की अतिग्रहणकारियों की योजनाओं की निंदा करता है और इस पवित्र स्थान पर ज़्यादा से ज़्यादा लोगों से हाज़िर होने की अपील करता है।