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पवित्र क़ुरआन पार्ट-17 : हे लोगों! निश्चित रूप से तुम्हारी उद्दंडता तुम्हारे लिए ही हानिकारक है और सांसारिक लाभ तो केवल कुछ ही दिनों का है!
वही ईश्वर है जो तुम्हें थल व समुद्र की सैर कराता है, यहां तक कि जब तुम नौका में थे वही ईश्वर है जो तुम्हें थल व समुद्र की सैर कराता है, यहां तक कि जब तुम नौका में थे और ठंडी एवं सुखद हवाएं उसे लिए जा रही थीं और सारे (यात्री) प्रसन्न थे […]
पैग़म्बरे इस्लाम फ़रमाते हैं – “जो अल्लाह और क़यामत पर ईमान रखता है वह अपने पड़ोसी को कष्ट नहीं पहुंचाता है”
पार्सटुडे- पड़ोसियों के सम्मान का लोगों के सामाजिक जीवन पर बहुत अधिक प्रभाव पड़ता है। आज लोग शहरों की ओर पलायन कर रहे हैं और उनकी जीवन शैली शहरी हो गयी है। इस बात के दृष्टिगत पड़ोसी और उसके अधिकारों का विषय अधिक महत्वपूर्ण हो गया है। इस्लाम धर्म में इस बात पर बल दिया […]
बुज़ुर्गों का सम्मान करो क्योंकि वे बूढ़े हैं, उसके साथ नर्मी और आहिस्ता व्यवहार करो और उसका मान-सम्मान बढ़ाओ!
हज़रत इमाम सज्जाद ने फ़रमाया: बुज़ुर्गों का सम्मान करो क्योंकि वे बूढ़े हैं, उसके साथ शांति, नर्मी और आहिस्ता व्यवहार करो और उसका मान-सम्मान भी बढ़ाओ। इस्लाम के नैतिक पंथ में, आदर और सम्मान के लिए मौजूद अन्य मूल्यों और मानदंडों के साथ, बुढ़ापे और वयस्क होने को मानव गरिमा को संरक्षित रखने के महत्वपूर्ण […]