Nighat Abbass🇮🇳
@abbas_nighat
नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, भारत और चीन के बीच व्यापारिक संबंधों में चिंताजनक प्रवृत्तियाँ उभर रही हैं:
1.चीन से आयात में निरंतर वृद्धि:
•वित्त वर्ष 2023-24 में, चीन से आयात 3.24% बढ़कर 101.7 अरब डॉलर तक पहुँच गया।
•अप्रैल से अगस्त 2024 के बीच, चीन से आयात में 15.55% की वृद्धि दर्ज की गई।
2.व्यापार घाटे में बढ़ोतरी:
•2023-24 में, चीन के साथ भारत का व्यापार घाटा 85.09 अरब डॉलर तक पहुँच गया, जो 2018-19 में 53.57 अरब डॉलर था।
•जनवरी से जून 2024 के दौरान, यह घाटा 41.6 अरब डॉलर रहा।
3.इस्पात आयात में वृद्धि:
•अप्रैल से अक्टूबर 2024 के बीच, चीन से तैयार इस्पात का आयात 35.4% बढ़कर 1.7 मिलियन मीट्रिक टन हो गया, जो अब तक का सर्वाधिक है।
4.चीन पर निर्भरता:
•भारत के कुल आयात में चीन की हिस्सेदारी 16.5% है, जो इसे भारत का सबसे बड़ा आयात स्रोत बनाता है।
ये आंकड़े दर्शाते हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ‘आत्मनिर्भर भारत’ और ‘मेक इन इंडिया’ जैसी पहलों के बावजूद, चीन से आयात में वृद्धि हो रही है, जिससे घरेलू उद्योगों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है और व्यापार घाटा बढ़ रहा है।
Congress
@INCIndia
नरेंद्र मोदी चीन के फायदे के लिए काम कर रहे हैं। इसकी गवाही आंकड़े देते हैं।
चीन 2024-25 में भारत को करीब 101 अरब डॉलर का सामान बेचेगा।
ये सामान चीन की धरती पर बन रहा है और भारत में बेचा जा रहा है।
इसमें इलेक्ट्रॉनिक सामान, किसानों के लिए खाद, दवाइयों के लिए कच्चा माल, फोन, कंप्यूटर, प्लास्टिक से जुड़े सामान और जरूरत की हर छोटी-बड़ी चीज शामिल है।
आप कह सकते हैं- चीन अपने सामानों की वजह से हमारे घरों में घुसा हुआ है..और ये सब इसलिए है क्योंकि – ‘मोदी है तो मुमकिन है’
हर साल चीन से आने वाले सामान की खेप बढ़ती जा रही है, जैसे –
• अप्रैल 2024 से जनवरी 2025 तक चीन से 95 अरब डॉलर का सामान भारत आया है।
• वहीं, अप्रैल 2023 से जनवरी 2024 तक चीन से 85 अरब डॉलर का सामान भारत आया था।
मतलब, चीन से आयात एक साल में 11% से ज्यादा बढ़ गया।
चीन से भारत सामान तो खूब खरीद रहा है, लेकिन चीन को कुछ खास बेच नहीं रहा है।
इसकी वजह से भारत का चीन के साथ व्यापार घाटा 83 अरब डॉलर तक पहुंच गया है।
साफ है-
नरेंद्र मोदी की चीन को ‘लाल आंख’ दिखाने की बात खोखली थी। इसके उलट वे चीन को फायदा पहुंचाने में लगे हुए हैं।
PM मोदी की देशविरोधी नीतियों से जहां चीन मालामाल हुआ जा रहा है, वहीं भारत की अर्थव्यवस्था डांवाडोल हो रही है।
मोदी हर मोर्चे पर FAIL हैं।
डिस्क्लेमर : लेखक के निजी विचार हैं, तीसरी जंग हिंदी का कोई सरोकार नहीं!