विशेष

जब ASIA में डंका नही बज रहा है तो विश्व में डंका कैसे बज रहा है!

Kranti Kumar
@KraantiKumar
INDIA की अर्थव्यवस्था को समझना है तो इस बात से समझ लीजिए गांव में 95% जनता गरीब है झोपड़ी में रहती है और उसी गांव में ज़मींदार की आलीशान कोठी होती है.

आज भी गरीब को गरीब बनाए रखने का षड्यंत्र रचा जाता है. ताकि एक विशेषजाति के वर्चस्व को कोई खतरा महसूस ना हो.

हम से बाद में आज़ाद होने वाले मुल्क China, South Korea, Japan, Vietnam, Singapore और Hong Kong मानव विकास सूचकांक में सबसे ऊपर हैं.

कारण इन दक्षिण एशिया के इन देशों में जनता के शिक्षा, स्वास्थ्य पर भारी निवेश कर निशुल्क उपलब्ध कराया. बच्चों के टीकाकरण, आहार पर पैसा लगाया.

Image

इन देशों ने दलदलों को सुखाया. मच्छरों का विनाश किया. और जनता को बिजली सड़क और साफ पानी मुहैया कराया. इन सबका मूल उद्देश्य लोगों को सुखी बनाना नही, बल्कि राष्ट्र को मजबूत बनाना था.

एशिया में मानव विकास सूचकांक मामले में INDIA 48वें पायदान पर है और दुनिया में 130 के बाद नंम्बर आता है. लाखों भारतीय आज भी मिडिल ईस्ट, यूरोप और अमेरिका में रोजगार की तलाश में जाते हैं.

जब ASIA में डंका नही बज रहा है तो विश्व में डंका कैसे बज रहा है. नेता, न्यूज़ रूम के पत्रकार, उद्योगपति, फ़िल्मी सितारे और ब्यूरोक्रेट्स अमीर हैं लेकिन जनता गरीब है.

Image

Kranti Kumar
@KraantiKumar
AMERICA के पास मक्का, आलू, सकरकंद, कसावा, वनीला, टमाटर, कद्दू, पाइनएप्पल और तंबाकू था.

अमेरिका के लोग आत्मनिर्भर थे. उनकी अपनी भाषा, संस्कृति और सभ्यता थी.

यूरोप के फटेहाल दीनहीन दरिद्र अमेरिका में आकर बसने लगे. यूरोपियन्स अपने साथ बंदूकें, अनेक बीमारी, सुअर, कपास और गन्ने के बीज लेकर आए.

Image

15वीं सदी से शुरू हुई घुसपैठ निरंतर बढ़ती रही. 1492 से 1640 के बीच 4,46,000 यूरोपियन्स अमेरिका में आकर दलदली ज़मीन पर बसे. इनमें से अधिकतर सजायाफ्ता अपराधी थे.

1820 से लेकर 1930 के बीच अमेरिका में सबसे ज्यादा 3,43,00,000 यूरोपियन्स अप्रवासी आए. आज ये लोग बोलता है अमेरिका इनका है.

उसी तरह जैसे भारत के कई लोगों को लगता है आलू, टमाटर, तंबाकू, कद्दू और अमरूद भारत का है. आलू और टमाटर खाने से पहले अमेरिकी मूलनिवासियों को धन्यबाद दे देना.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *