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नेता राहुल गांधी ने विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर के अमेरिका दौरे को लेकर टिप्पणी की, राहुल गांधी ने अपने भाषण में क्या कहा?

लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर के अमेरिका दौरे को लेकर टिप्पणी की। वहीं उनके बयान पर विदेश मंत्री ने पलटवार करते हुए सोशल मीडिया एक्स पर एक पोस्ट में लिखा- विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने दिसंबर 2024 में मेरी अमेरिका यात्रा के बारे में जानबूझकर झूठ बोला।

उनके झूठ का उद्देश्य राजनीतिक हो सकता है- जयशंकर
मैं बाइडन प्रशासन के विदेश मंत्री और एनएसए से मिलने गया था। साथ ही हमारे महावाणिज्य दूतों की एक सभा की अध्यक्षता भी की। मेरे प्रवास के दौरान, आने वाले नवनियुक्त एनएसए ने मुझसे मुलाकात की। इस दौरान किसी भी स्तर पर प्रधानमंत्री के संबंध में निमंत्रण पर चर्चा नहीं की गई। यह सर्वविदित है कि हमारे प्रधानमंत्री ऐसे आयोजनों में शामिल नहीं होते हैं। वास्तव में, भारत का प्रतिनिधित्व आमतौर पर विशेष दूतों की तरफ से किया जाता है। उन्होंने आगे कहा- राहुल गांधी के झूठ का उद्देश्य राजनीतिक हो सकता है। लेकिन वे विदेश में देश को नुकसान पहुंचाते हैं।

Leader of Opposition Rahul Gandhi deliberately spoke a falsehood about my visit to the US in December 2024.

I went to meet the Secretary of State and NSA of the Biden Administration. Also to chair a gathering of our Consuls General. During my stay, the incoming NSA-designate met…

— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) February 3, 2025

राहुल गांधी ने अपने भाषण में क्या कहा?
केंद्र सरकार की विदेश नीति पर हमला बोलते हुए राहुल गांधी ने कहा- हमारे बैंकिंग सेक्टर पर दो या तीन बड़ी कंपनियों का ही प्रभाव नहीं होना चाहिए और छोटी और मध्यम वर्ग की कंपनियों को भी बैंकिंग सेक्टर तक आसान पहुंच होनी चाहिए। अगर ऐसा होता तो हमारे विदेश मंत्री को तीन-चार बार अमेरिका जाकर ये नहीं कहना पड़ता कि हमारे प्रधानमंत्री को आमंत्रित करें।’ राहुल गांधी ने कहा कि ‘अगर हमने इन क्षेत्रों में काम किया होता तो अमेरिका खुद हमारे प्रधानमंत्री को आमंत्रित करता।’

राहुल गांधी के बयान पर सत्ता पक्ष ने जताई आपत्ति
वहीं राहुल गांधी के बयान पर संसदीय कार्यमंत्री किरेन रिजिजू ने कड़ी आपत्ति जताते कहा कि ‘नेता विपक्ष बिना किसी तथ्यों और सबूतों के ऐसे गंभीर आरोप न लगाएं। ये दो देशों के बीच के संबंधों का मामला है। ऐसे में आधारहीन आरोप नहीं लगाए जाने चाहिए।’ बता दें कि, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बीते दिनों अपने शपथ ग्रहण समारोह में चीन के राष्ट्रपति को आमंत्रित किया था, लेकिन इस शपथ समारोह में भारत का प्रतिनिधित्व विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने किया था।