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दुखी क्यों हो यशोदा, दूसरे की बस्तु पर अपना क्या अधिकार?
R. S. Gupta ================== नंद बाबा चुपचाप रथ पर कान्हा के वस्त्राभूषणों की गठरी रख रहे थे। दूर ओसारे में मूर्ति की तरह शीश झुका कर खड़ी यशोदा को देख कर कहा- दुखी क्यों हो यशोदा, दूसरे की बस्तु पर अपना क्या अधिकार? यशोदा ने शीश उठा कर देखा नंद बाबा की ओर, उनकी आंखों […]
यादों का पिटारा : ”माँ को अपने हिस्से का प्यार तो मिला पर उनके ना रहने पे”
Madhu Singh ================ आज पीले खतों ने शांति निवास में यादों का पिटारा खोल दिया था घर की बहू सीमा आज अपने पति अमन और ससुरजी शिवकुमार के सामने किसी अपराधी की तरह खड़ी थी। सीमा कभी अमन से तो कभी अपने ससुरजी से लगातार बोले जा रही थी “बाबूजी मुझे माफ़ कर दीजिए।मैं तो […]
अभी तुम्हें जीवनसाथी की ज़रूरत है
Madhu Singh =========== रुचिता उस दिन सुबह से ही काम में व्यस्त थी। घर की सारी जिम्मेदारी संभालते-संभालते वह जैसे बूढ़ी हो गई थी। काम निपटा कर वह मशीन पर बैठी थी कि तभी फोन की घंटी बजी। स्क्रीन पर देखा तो नंबर अंजान था। उसने फोन उठाया तो दूसरी ओर सुरीली आवाज सुनाई दी, […]