सेहत

देश के तमाम राज्यों में ब्राह्मण समुदायों की मांसाहार की प्रथाएं क्षेत्रीय और सांस्कृतिक कारकों पर निर्भर करती हैं!

COOK WITH Manish
============
उत्तर प्रदेश, बिहार, छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, दिल्ली और गुजरात जैसे देश के तमाम राज्यों में ब्राह्मण समुदायों की मांसाहार की प्रथाएं क्षेत्रीय और सांस्कृतिक कारकों पर निर्भर करती हैं। इन राज्यों में अधिकांश ब्राह्मण पारंपरिक रूप से शाकाहारी माने जाते हैं, लेकिन कुछ अपवाद भी हैं, जो स्थानीय परंपराओं और व्यक्तिगत आदतों के आधार पर मांसाहार करते हैं। आइए भारत के कुछ राज्यों पर विस्तार से चर्चा करें:

उत्तर प्रदेश
उत्तर प्रदेश में ब्राह्मणों का एक बड़ा वर्ग शुद्ध शाकाहारी होता है, विशेष रूप से कान्यकुब्ज और सरयूपारीण ब्राह्मण। हालांकि, पूर्वांचल और तराई क्षेत्र के कुछ ब्राह्मण, जैसे कि भोजपुर क्षेत्र से जुड़े लोग, मांसाहार करते पाए जाते हैं। यह आमतौर पर व्यक्तिगत पसंद और आधुनिक जीवनशैली के कारण होता है, न कि धार्मिक परंपरा के तहत।

बिहार
बिहार में अधिकांश ब्राह्मण पारंपरिक रूप से शाकाहारी होते हैं, खासकर मिथिला और मगध क्षेत्र में। हालांकि, भोजपुर और चंपारण जैसे क्षेत्रों के कुछ ब्राह्मण, विशेष रूप से वे जो ग्रामीण इलाकों में रहते हैं, मछली या मांसाहार का सेवन करते हैं। यह मुख्य रूप से सांस्कृतिक प्रभाव और क्षेत्रीय खानपान पर निर्भर करता है।

छत्तीसगढ़
छत्तीसगढ़ में ब्राह्मण समुदाय का एक बड़ा हिस्सा शाकाहारी है, खासकर वे जो धार्मिक और अनुष्ठानों से जुड़े होते हैं। लेकिन राज्य के कुछ आदिवासी और ग्रामीण क्षेत्रों में, मांसाहार करने वाले ब्राह्मण भी मिलते हैं। यह अधिकतर व्यक्तिगत पसंद और आसपास की आदिवासी संस्कृति से प्रभावित है।

मध्यप्रदेश
मध्यप्रदेश के ब्राह्मण भी मुख्य रूप से शाकाहारी होते हैं, लेकिन महाकौशल और बुंदेलखंड जैसे क्षेत्रों में कुछ ब्राह्मण मांसाहार करते हैं। यह प्रथा आमतौर पर परंपरा से हटकर व्यक्तिगत पसंद या आधुनिक प्रभाव का परिणाम है।

दिल्ली
दिल्ली में रहने वाले ब्राह्मण भारत के विभिन्न राज्यों से आए प्रवासी हैं। पारंपरिक रूप से दिल्ली के ब्राह्मण शाकाहारी हैं, लेकिन शहरीकरण और बदलते खानपान के कारण मांसाहार करने वाले ब्राह्मणों की संख्या बढ़ी है। यह परिवर्तन धार्मिक नियमों से ज्यादा व्यक्तिगत पसंद का मामला है।

गुजरात
गुजरात के ब्राह्मणों में शाकाहार एक सख्त परंपरा मानी जाती है, विशेष रूप से नागर ब्राह्मण और अन्य समुदायों में। हालांकि, सौराष्ट्र और कच्छ जैसे क्षेत्रों में कुछ ब्राह्मण मांसाहार करते हैं। यह अपवाद भी ज्यादातर व्यक्तिगत पसंद और क्षेत्रीय प्रभावों के कारण होता है।

बंगाल:
पश्चिम बंगाल के ब्राह्मण विशेष रूप से गंगा-यमुना के डेल्टा क्षेत्र में मांसाहार करते हैं, और मछली, बकरी का मांस, और अन्य समुद्री जीव उनके भोजन में आम होते हैं।

केरल:
केरल के नंबूदरी ब्राह्मण और अन्य ब्राह्मण समूह भी मांसाहार करते हैं। वे खासकर मछली और समुद्री भोजन का सेवन करते हैं।

कश्मीर:
कश्मीरी पंडित, जो ब्राह्मण होते हैं, वे मांसाहार, विशेष रूप से मटन (बकरे का मांस) खाते हैं। कश्मीरी पंडितों में यह प्रथा काफी आम है।

गोवा:
गोवा के सारस्वत ब्राह्मणों के भोजन में मछली और समुद्री जीवों का प्रयोग आम है। उनके बीच भी मांसाहार की परंपरा मौजूद है।

असम और ओडिशा:
इन प्रदेशों में भी कई ब्राह्मण समुदाय मछली और अन्य मांसाहार का सेवन करते हैं।
इन राज्यों के अधिकांश ब्राह्मण शाकाहारी हैं, लेकिन क्षेत्रीय प्रभाव, व्यक्तिगत पसंद, और बदलती जीवनशैली के कारण मांसाहार करने वाले ब्राह्मण भी मिलते हैं। धार्मिक परंपराओं में मांसाहार की अनुमति आमतौर पर सीमित होती है, और इसे व्यक्तिगत जीवनशैली का हिस्सा माना जाता है।

डिस्क्लेमर : लेख में वियक्त विचार लेखक के निजी हैं, लेक फेसबुक से प्राप्त है, तीसरी जंग हिंदी का कोई सरोकार नहीं है