दुनियां में इस वक़्त दो बड़ी जंगें चल रही हैं, रूस और यूक्रेन की जंग को तीसरा साल चल रहा है वहीँ फ़लस्तीन और इसराइल के बीच 8 माह से भयानक युद्ध जारी है, एक और बड़ी जंग के शुरू होने के आसार इस वक़्त नज़र आ रहे हैं ये जंग चीन का ताइवान पर हमले की शक्ल में नज़र आ सकती है जो किसी भी वक़्त शुरू हो सकती है, चीन की सेना ने इस समय ताइवान को चारों तरफ से घेरा हुआ है और बड़ी जंगी तैयारियां हो रही हैं, समंदर में चीन की सेना युद्ध अभ्यास कर रही है, अगर चीन ताइवान पर हमला करता है तो अमेरिका भी इस युद्ध में शामिल हो सकता है, अमेरिका के ऊपर ताइवान के बचाने का दबाव रहेगा, अमेरिका अगर चीन के खिलाफ युद्ध में आया तो वो भारत के पोर्ट्स इस्तेमाल करेगा, ऐसी सूरत में चीन भारत की सीमा से लगे राज्यों में घुसपैठ कर सकता है या भारत के खिलाफ कोई बड़ा हमला भी कर सकता है, जानकारी के मुताबिक साउथ चीन सी में तनाव बहुत बढ़ा गया है, हालात देख कर अनुमान लगाया जा सकता है कि अगले 10 से 15 दिन बहुत अहम् है, इस दौरान जंग की आग कभी भी भड़क सकती है?
Real News
@DrNeculai
The Chinese army is ready, together with the Russian army, to defend justice in the world. Said the official representative of the Ministry of Defense of the People’s Republic of China Wu Qian.
चीन ने अपने कब्जे वाले शिगात्से एयर बेस पर एडवांस जे-20 फाइटर जेट्स की तैनाती की है? हाल ही में भारतीय वायु सेना के पूर्व प्रमुख एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया ने खुलासा किया था कि जब भारत में पहला राफेल आया था, तो चीन ने जवाब में अपने चार जे-20 लड़ाकू विमान तैनात किए थे। वहीं, जब भारत के पास चार राफेल हो गए थे, तो चीन ने 20 जे-20 फाइटर जेट तैनात कर दिए थे। यानी कि प्रत्येक राफेल का मुकाबला करने के लिए बीजिंग ने पांच जे-20 फाइटर जेट की तैनाती की थी। फिलहाल चीन ने होतान और शिगात्से एयर बेस पर जे-20 स्टील्थ फाइटर जेट की तैनाती कर रखी है।
19 मई को एक खास बातचीत में भारतीय वायु सेना के पूर्व प्रमुख एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया ने राफेल लड़ाकू विमानों के रणनीतिक महत्व पर जोर देते हुए उन्हें भारतीय वायुसेना की ‘इन्वेंट्री का सबसे मजबूत हथियार’ बताया था। उन्होंने कहा था कि कैसे जब भारत में पहला राफेल आया था, तो चीन ने प्रतिक्रिया में अपने चार जे-20 लड़ाकू विमानों को एलएसी पर तैनात किया था। वहीं जैसे ही राफेल की संख्या चार हो गई, तो चीन ने 20 जे-20 तक तैनात कर दिए थे। प्रत्येक राफेल का मुकाबला करने के लिए चीन ने पांच जे-20 तैनात कर दिए थे। पूर्व भारतीय वायु सेना प्रमुख ने भारतीय वायु सेना की उच्च स्तर की तैयारियों का संकेत देते हुए टिप्पणी की थी, “जे-20 को चीन का सबसे उन्नत लड़ाकू विमान माना जाता है, यह राफेल की क्षमताओं का सीधा जवाब था। चीनी जानते थे कि हम क्या कर सकते हैं।”
Current Report
@Currentreport1
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May 30
China’s defense minister Warns US:
“‘Independence of Taiwan means war. The Chinese army is fully prepared and remains on alert.
Taiwan is a part of China. How to resolve the This issue affects 1.4 billion Chinese people, it’s not something the US can get involved in.”
9 दिन बाद ही चीन ने की जे-20 की तैनाती
पूर्व भारतीय वायु सेना प्रमुख के खुलासे के ठीक 9 दिन बाद ही चीन ने 27 मई, 2024 को 12,400 फीट पर शिगात्से एयरबेस में छह जे-20 लड़ाकू विमानों की तैनाती कर दी। शिगात्से एयरबेस पश्चिम बंगाल के हाशिमारा से 290 किलोमीटर से भी कम दूरी पर स्थित है, जहां भारत ने एक स्क्वाड्रन (16 राफेल) को तैनात किया है। वहीं, गंगटोक से इसकी दूरी 233 किमी है। पूर्वी क्षेत्र में हाशिमारा, चबुआ और तेजपुर स्थित सुखोई-30 एमकेआई लड़ाकू विमानों के अलावा पाकिस्तान के साथ सटे पश्चिमी मोर्चे अंबाला में राफेल का दूसरा स्क्वाड्रन तैनात है। खास बात यह है कि पांचवी पीढ़ी का ट्विन-इंजन स्टील्थ फाइटर जेट जे-20 को 2017 में पेश किया गया था, लेकिन शिगात्से इसका स्थाई ठिकाना नहीं है। शिगात्से में जे-10 लड़ाकू विमान और केजे-500 अर्ली वार्निंग एंड कंट्रोल विमान का बेस है।
War Intel
@warintel4u
China’s Ministry of Defense Warns US:
“‘Independence of Taiwan means war. The People’s Liberation Army is fully prepared and remains on alert. Taiwan is a part of China. How to resolve the This issue affects 1.4 billion Chinese people, it’s not something the United States can get involved in.”