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72 घंटों में हमास ने 72 इस्राईली सैन्य वाहन किये ध्वस्त : हमास को ख़त्म करने का सपना साकार नहीं हो सकेगा : रिपोर्ट

ग़ज़्ज़ा युद्ध का तीसरा महीना चल रहा है लेकिन ज़ायोनी शासन हमास के विनाश सहित अपने सैन्य लक्ष्यों को हासिल करने में सफल नहीं हो सका है। ज़ायोनी शासन ने ग़ज़्ज़ा में अपने व्यापक और विस्तृत सैन्य अभियान का लक्ष्य हमास को नष्ट करना घोषित किया है।

यह शासन यह सोचता था कि एक ओर तूफ़ान अल-अक्सा ऑप्रेशन हमास के लड़ाकों द्वारा किया गया था और इस ऑप्रेशन में विफलता की भरपाई हमास के विनाश के अलावा संभव ही नहीं है और और दूसरी ओर वह हमास को नष्ट करके अपने ख़िलाफ़ एक सतत और स्थायी ख़तरे को दूर कर देगा।

हालांकि ग़ज़्ज़ा के खिलाफ युद्ध को लगभग 70 दिन बीत चुके हैं और इस्राईल न केवल हमास को खत्म करने में विफल रहा है बल्कि ज़ायोनियों के ख़िलाफ़ युद्ध जारी रहने की वजह से उन्हें हर ओर से आलोचनाओं का भी सामना करना पड़ रहा है।

पिछले दिनों कई पश्चिमी और यूरोपीय हस्तियों ने कहा है कि हमास एक विचारधारा है और इसे ख़त्म करना संभव नहीं है। यूरोपीय संघ के विदेश नीति प्रभारी जोसेप बोरेल ने हाल ही में बार्सिलोना में एक बैठक में कहा कि हमास एक विचारधारा है और इसे ख़त्म नहीं किया जा सकता है।

इससे पहले अमेरिकी काउंसिल ऑन फॉरेन रिलेशंस के प्रमुख रिचर्ड हास ने कहा था कि हमास को खत्म नहीं किया जा सकता क्योंकि यह एक विचारधारा है।

इन व्यापक आलोचनाओं के बाद इस्राईल के युद्ध मंत्री यूवाव गैलेंट ने हमास के साथ युद्ध की कठिनाई की ओर इशारा करते हुए कहा कि यह युद्ध कई महीनों तक चल सकता है।

सच तो यह है कि एक थका देने वाले युद्ध से भी हमास का सफ़ाया नहीं हो सकता क्योंकि हमास को भारी जनसमर्थन प्राप्त है।

एक ओर हमास के पास एक जटिल और बड़ा संगठन है क्योंकि पिछले दो महीनों में वेस्ट बैंक के लगभग 4 हज़ार फ़िलिस्तीनियों को ज़ायोनी शासन ने पकड़ लिया था और इनमें से अधिकांश क़ैदी हमास आंदोलन के सदस्य हैं।

ग़ज़्ज़ा पट्टी में पिछले दो महीनों में यह आंदोलन जिहादे इस्लामी और अन्य गुटों की मदद से इस्राईलियों के ख़िलाफ भीषण युद्ध शुरु करने में सफल रहा है और उसका स्थिति पर पर तरह नियंत्रण है। दूसरी ओर हमास को फ़िलिस्तीनियों का भरपूर समर्थन हासिल है और इसी समर्थन की वजह से हमास को नष्ट करना असंभव है।

इस्राईलियों को उम्मदी थी कि ग़ज्ज़ा पट्टी के निवासियों के जनंसहार और इस क्षेत्र के भारी विनाश की वजह से स्थानीय लोग हमास आंदोलन का समर्थन करना बंद कर देंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ और इसके विपरीत उन्होंने हमास का समर्थन और भी तेज़ कर दिया।

फ़िलिस्तीनी समाज और ग़ज़्ज़ा पट्टी के एक हिस्से के रूप में हमास ने फ़िलिस्तीन की आज़ादी के लिए सैकड़ों और हज़ारों शहीदों का बलिदान दिया है और इसके परिणामस्वरूप उसने मुख्य रूप से फिलिस्तीनियों में अपनी जगह बना रखी है इसीलिए यह कहा जा सकता है कि हमास को ख़त्म करने का सपना कभी भी पूरा नहीं हो सकता।

 

72 घंटों में 72 इस्राईली सैन्य वाहन किये ध्वस्तः हमास

फ़िलिस्तीन के हमास आन्दोलन ने पिछले 72 घण्टों के दौरान इस्राईल के 72 सैन्य वाहनो को ध्वस्त कर दिया जिनमें टैंक भी शामिल हैं।

हमास की सैन्य शाखा इज़्ज़ुद्दीन क़स्साम के प्रवक्ता ने बताया है कि हमारे जियालों ने 72 घण्टों के भीतर ज़ायोनियों के 72 सैन्य वाहनों को नष्ट कर दिया जिनमें टैंक भी शामिल हैं। उनके अनुसार इन ज़ायोनी सैन्य वाहनों को कहीं पर तो पूरी तरह से तो कहीं पर आंशिक रूप में क्षति हुई है।

अबू उबैदा ने गुरूवार की रात को बताया था कि हमास के लड़ाकों ने ज़ायोनियों के सैन्य वाहनों के विरुद्ध एंटी टैंक राकेटों का प्रयोग किया। इन हमलों में 36 ज़ायोनी सैनिक या तो मार दिये गए या फिर बुरी तरह से घायल हुए।

उधर अवैध ज़ायोनी शासन इस बात को पहले ही स्वीकार कर चुका है कि अलअक़सा तूफान के शुरू होने से अबतक 445 ज़ायोनी सैनिक मारे जा चुके हैं जबकि 648 उसके सैनिक घायल हुए हैं। मारे जाने वाले 445 ज़ायोनी सैनिकों में से 120 सैनिक, ग़ज़्ज़ा के हमलों में मारे गए।

याद रहे कि ख़ान यूनुस नगर में अवैध ज़ायोनी शासन के सैनिकों को हमास के कड़े प्रतिरोध का सामना करना पड़ रहा है। क़स्साम ब्रिगेड की ओर से जारी वीडिय में इस्राईली सैनिकों को सैन्य वाहनों और टैंकों से उतरकर भागते हुए देखा जा सकता है।

अमरीका के भीतर से भी उठने लगी इस्राईल को हथियार न देने की मांग

अमरीका के वोरमोंट राज्य के जानेमाने सीनेटर बर्नी सेंडर्ज़ ने वाशिग्टन की ओर से इस्राईल को की जा रही सैन्य सहायता रुकवाने की मांग की है।

अल्जज़ीरा टीवी चैनेल के अनुसार अमरीकी सीनेटर बर्नी सेंडर्ज़ ने इस देश के राष्ट्रपति जो बाइडेन को कल एक पत्र भेजा है।

बुधवार को भेजे जाने वाले इस पत्र में उन्होंने बाइडेन से मांग की है कि ग़ज़्ज़ा युद्ध के कारण इस्राईल की सैन्य सहायता रोक दी जानी चाहिए। सेंडर्ज़ ने अपने पत्र में यह भी लिखा हे कि हम वहां पर भारी क्षति के साथ ही बहुत बड़े पैमाने पर लोगों के विस्थापन को देख रहे हैं। उनका कहना है कि ग़ज़्ज़ा युद्ध न केवल एक मानवीय त्रासदी है बल्कि यह एक व्यापक युद्ध अपराध है।

अमरीकी सीनेटर ने अपने देश की ओर से इस्राईल के लिए दस अरब डालर की सैन्य सहायता की योजना की कड़ी आलोचना की। सेंडर्ज़ के अनुसार ग़ज़्ज़ा में जो कुछ हो रहा है वह अमरीकी हथियारों और बमों से किया जा रहा है। यह सब हमने अमरीकी टेक्स देने वालों के पैसों से किया है। वे कहते हैं कि इस जनसंहार के हम भी सहयोगी हैं।

ज्ञात रहे कि सीबीएस न्यूज़ और यूगाओ सर्वेक्षण संस्था द्वारा कराए गए ताज़ा सर्वेक्षण बताते हैं कि अमरीका के 61 प्रतिशत लोग, ग़ज़्ज़ा के बारे में जो बाइडेन की नीति से राज़ी नहीं हैं। ग़ज़्ज़ा में शहीद होने वाले फ़िलिस्तीनियों की संख्या अब 19000 होने जा रही है जबकि घायलों की संख्या इससे कई गुना अधिक है।

हमास से जंग और साइबर हमलों का शिकार इस्राईल, अब तक की सबसे बड़ी पराजय का सामना है

फ़िलिस्तीनियों के विरुद्ध सैन्य युद्ध में कुछ भी हासिल न कर पाने वाले ज़ायोनी शासन को एक बड़े साइबर युद्ध का सामना करना पड़ रहा है।

तूफ़ान अल-अक्सा तूफान को करीब 70 दिन बीत चुके हैं। तूफ़ान अल-अक्सा ऑप्रेशन में ज़ायोनी शासन को अपने 75 साल के इतिहास में सबसे बड़ी खुफिया और सैन्य पराजय का सामना करना पड़ा है।

इस पराजय का महत्वपूर्ण कारण, ग़ज़्ज़ा के ख़िलाफ व्यापक युद्ध था। एक ऐसा युद्ध जिसमें युद्ध अपराधों के सभी उदाहरण सामने आ गये लेकिन ज़ायोनी शासन अपना कोई भी सैन्य लक्ष्य हासिल नहीं कर सका जिसमें कैदियों की रिहाई और हमास का विनाश भी शामिल था।

हालांकि, पिछले 70 दिनों में ज़ायोनी शासन की विफलताएं और कमजोरियां केवल जटिल सैन्य क्षेत्र तक ही सीमित नहीं थीं बल्कि इस शासन ने साफ़्ट वार क्षेत्र में भी कई कमजोरियों और ख़तरों का सामना किया।

ज़ायोनी शासन के साइबर सुरक्षा संगठनों ने घोषणा की कि पिछले दो महीनों में व्यक्तिगत जानकारी लीक होने के 2 हज़ार से अधिक मामले सामने आए हैं जो सामान्य दिनों की तुलना में 10 गुना अधिक हैं। बताया जा रहा है कि ज़ायोनी शासन को अपने इतिहास में अब तक के सबसे बड़े साइबर हमलों का सामना करना पड़ा है।

साइबर हमलों के इस चरण में कई महत्वपूर्ण बिंदु शामिल हैं जिनमें सबसे पहला यह है कि ज़ायोनी शासन पहले से कहीं अधिक संयुक्त सैन्य, ख़ुफ़िया, सामाजिक यानी रिवर्स माइग्रेशन और साइबर ख़तरों का सामना कर रहा है।

दूसरा यह है कि पिछले दो महीनों में साइबर हमले तेज़ हुए हैं क्योंकि ज़ायोनी शासन ने फ़िलिस्तीनियों के ख़िलाफ़ अत्यधिक हिंसा अंजाम दी है, नरसंहार, युद्ध अपराध और शांति के ख़िलाफ़ अपराध किए हैं।

वास्तव में बड़े पैमाने पर साइबर हमले ज़ायोनियों के अपराधों पर जवाबी कार्यवाही हैं।

तीसरा यह है कि ज़ायोनी शासन के ख़िलाफ़ साइबर हमलों में व्यापक लक्ष्य शामिल हैं और ये कुछ ख़ास संस्थानों और संगठनों तक सीमित नहीं हैं।

रेलवे विभाग, जल शोधन और वितरण केन्द्र, समाचार पत्र और डिजिटल मीडिया, ख़ुफ़िया और सैन्य संस्थानों सहित कई अन्य संस्थानों को साइबर हमलों का निशाना बनाया गया है।

चौथा यह कि कुछ साइबर हमले जवाबी कार्यवाही का हिस्सा हैं। उदाहरण स्वरूप साइबर एवेंजर्स के समूह ने जल शोधन और वितरण केन्द्र पर हमला किया और इस कार्रवाई को इस्राईल की ओर से ग़ज़्ज़ा पट्टी में पानी की कटौती का जवाब क़रार दिया गया और आंख के बदले आंख” का संदेश इस्राईली अधिकारियों को भेजा गया।

पांचवां बिन्दु साइबर हमलों में उल्लेखनीय वृद्धि से ज़ायोनी अधिकारी गंभीर चिंता में घिर गये हैं क्योंकि उनके अनुसार, यह विषय इस्राईल और प्रतिरोधकर्ता गुटों के बीच युद्ध का एक और मोर्चा बन गया है जिस पर सैन्य संघर्ष के विपरीत बमबारी नहीं की जा सकती है।

तूफ़ान अल-अक्सा की तरह साइबर युद्ध ने ज़ायोनी शासन की प्रतिरोधक शक्ति पर सवाल उठा दिया है और इसकी खुफिया और सैन्य शक्ति की पोल खोल दी है।

@Misra_Amaresh
@misra_amaresh
15-12-2023!

#Gaza मे Sheik Radwan के केंद्र पर कई दिनो से #IDF कब्जा करने का प्रयास कर रहा है। आज भी कई बार कोशिश की। हर बार #Palestinian resistance ने #IDF कि बख्तरबंद गाड़ीयों को RPG गोलों से रोका। इतनी दृढ़ता और लचीलेपन से लड़ाके लड़े की #Israeli प्रयास विफल हो गये।

@Misra_Amaresh
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BREAKING! पिछले पांच घंटों में #Israel की ओर जाने वाले तीन जहाजों को #Yemen ने अपना रास्ता बदलने के लिए मजबूर किया है।
एक जहाज ने अनुपालन नहीं किया, तो उसे मिसाइल या ड्रोन से निशाना बनाया गया! आग लग गयी!

@Misra_Amaresh
@misra_amaresh
#Palestinian प्रतिरोध की #Jenin ब्रिगेड और #IDF के बीच लगभग 60 घंटे की गहन लड़ाई के बाद, IDF को पीछे हटना पड़ा! 12 फ़िलिस्तीनी मारे गए। लेकिन IDF शहर के किसी भी क्षेत्र में निर्णायक जीत हासिल करने के अपने मुख्य उद्देश्य में असमर्थ रहा। इसके विपरीत, प्रतिरोध ने:

1. जेनिन कैंप के चौराहे पर तैनात एक पैदल IDF सेना बल को एक विस्फोटक उपकरण से निशाना बनाया गया।
2. शहर और कैंप को जोड़ने वाली सड़क पर, वाहनों की चौकस निगरानी के बाद, प्रतिरोध के स्नाइपर दो #इजरायली सैनिकों पर गोली चलाने में कामयाब रहे।
3. स्नाइपर घात के कुछ मिनट बाद, प्रतिरोध सेनानियों के एक अन्य समूह ने, अल-असीर मस्जिद के सामने तैनात IDF दस्ते को निशाना बनाया।
4. IAF (इज़राइली वायु सेना) द्वारा बमबारी और IDF स्नाइपर टीमों के फैलाव के बावजूद, प्रतिरोध सेनानियों ने “खलेट अल-सावहा” पड़ोस में, IDF सुरक्षा घेरे को भेदते हुए,
IDF समूहों को निशाना बनाया।

@Misra_Amaresh
@misra_amaresh
#Gaza
पिछले 72 घंटों में #Hamas के लड़ाकों ने 72 सैन्य वाहनों को नष्ट कर दिया। 36 #Israeli सैनिको को मारा, 100 से अधिक को घायल किया। सेनानियों ने बड़ी मात्रा में #IDF उपकरण जप्त किये, लक्षित मुख्यालय और फील्ड कमांड रूम को निशाना बनाया, सैन्य सभाओं पर गोलाबारी की, mines बिछा कर विस्फोट किया, IDF के रक्षा बिंदुओं पर रॉकेट दागे और 11 #इजरायली स्नाइपर्स को मार गिराया।