नई दिल्ली: अमेरिका ने पिछले वर्ष यरुशलम को इज़राईल की राजधानी घोषित कर दिया था लेकिन संयुक्त राष्ट्र महासभा में जब इस पर वोटिंग हुई तो दुनिया ने एक तरफ होकर इस को अस्वीकार कर दिया था,लेकिन दुनियाभर को चुनोती देते हुए अमेरिका ने अपना इज़राईली दूतावास येरुशलम में बनाया है,जो बिल्कुल ग़ैरक़ानूनी काम है।
बैतूल मुक़द्दस यानी येरुशलम में अमेरिका के इज़रायली दूतावास के उदघाटन पर फिलिस्तीनी मुसलमानों ने जमकर विरोध प्रदर्शन किया,आईडीएफ का अनुमान है कि लगभग 35,000 लोग, गाजा और इजराइल के बीच सीमा पर 12 अलग-अलग स्थानों पर इकट्ठे हुए थे और सीमा से लगभग एक किलोमीटर दूर एक टेन्ट में हजारों लोग इकट्ठे हुए थे,यरुशलम के गाजा में अमेरिकी दूतावास के खुलने से पहले सोमवार को हिंसक प्रदर्शन हुए. इस दौरान 52 फिलिस्तीनियों शहीद और 2410 के लगभग ज़ख्मी हुए हैं।
इज़राईल और गाज़ा की सीमा पर इज़राईल ने ड्रोनों और सनेपर्स के द्वारा फिलिस्तीनी मुसलमानों पर हमले किया हैं,इजरायल रक्षा बलों (आईडीएफ) ने सोमवार को एक बयान जारी किया जिसमें फिलिस्तीनी अधिकारों के लिये संघर्ष करने वाले समूह हमास पर आरोप लगाया।
صلاة الظهر في مخيم العودة شرق جباليا شمال قطاع غزة#مسيرات_العودة_الكبرى #مليونية_العودة pic.twitter.com/4sbFsRxjZO
— المركز الفلسطيني للإعلام (@PalinfoAr) May 14, 2018
इज़राईल के ड्रोन और गोलियों का मुक़ाबला फिलिस्तीनी मुसलमानों ने पत्थर और टायरों के द्वारा किया,जारी संघर्ष के बीच जब जोहर की नमाज़ के वक़्त आया तो फिलिस्तीनी मुसलमानों ने नमाज़ अदा की और अल्लाह से बैतूल मुक़द्दस की आज़ादी के लिये दुआ करी।
इज़राईली सेना के अनुसार ‘प्रदर्शनकारियों ने सीमा पर स्थित इजराइली सैनिकों पर काँच की बोतलों में आग लगा कर फेंका, टायर जलाया और पत्थरबाजी की. आईडीएफ ने यह भी कहा कि कि उसने ‘विशेष रूप से हिंसक प्रदर्शन’ के दौरान, मिस्र के साथ सीमा के नजदीक रफह के पास तीन सशस्त्र फिलिस्तीनियों द्वारा हमला गया किया था।
फिलीस्तीनी स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि 500 के लगभग लोग गोला बारूद, 320 लोग टियर गैस और 3 लोग रबर की गोलियों से घायल हुए. फिलिस्तीनी स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक,पहला शिकार 21 वर्षीय अनास हमदान कदीह था, जिसे खान यूनिस के पूर्व में इजराइली सेना ने गोली मार दी थी।
इससे पहले इजराइल की सेना ने गाजा पर हवाई-गिराए गए पर्चे के जरिए लोगों को चेतावनी दी थी कि वे उस बाड़ के रास्ते ना आए जो गाजा को इजराइल से अलग करता है।
अमेरिका ने आज तेल अवीव से अपना दूतावास स्थानांतरित कर यरुशलम में खोल दिया. यह 2014 के बाद से सबसे भीषण हिंसा है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने यरुशलम को इजराइल की राजधानी के रूप में मान्यता देने के विवादास्पद कदम के तहत वहां अपना दूतावास खोलने की दिसंबर में घोषणा की थी. यरुशलम में दूतावास खुलने पर ट्रंप ने सुबह के अपने ट्वीट में इसे ‘इजराइल के लिए एक महान दिन’ बताया. उन्होंने सुबह के इस ट्वीट में हिंसा का कोई जिक्र नहीं किया , लेकिन कहा , इस्राइल के लिए एक महान दिन।