दुनिया

32 वर्षीय मुस्लिम नोजवान ने बनाया ब्रिटिश का पहला ऐसा एयरलाइंस जिसमें होगा शरीयत के क़ानून का पालन

एयरलाइंस में मामूली नौकरी करने वाले काजी रहमान बने एयरलाइंस के मालिक, एयरलाइंस में होगा शरियत कानून का पालन..

दुनिया में सऊदी अरब के बाद पहली बार हलाल रूप से इस्लामी शरीयत और धार्मिक मान्यताओं को ध्यान में रखते हुए ब्रीटिश से एक एयरलाइन अपनी सेवाएं शुरू करने जारही है,जिसमें किसी भी यात्री को शराब या किसी हराम जानवर का गोश्त नही परोसा जायेगा, तथा इसके अलावा विमान का पूरा स्टाफ महिलाएँ पर्दा के साथ अपना काम करेंगी।

इस विशेष एयरलाइन की शुरुआत एक मुस्लिम नोजवान क़ाज़ी शफ़ीकुर रेहमान ने करी है,जिसके बाद से दुनियाभर में क़ाज़ी की चर्चाएं शुरू होगई हैं,क़ाज़ी अपने विमान की शुरुआत के बाद दुनिया मे एक नया इतिहास लिखने जारहे हैं।

काजी रहमान ने इस मक़ाम पर पहुँचने के लिये बहुत मेहनत करी है वो एक ऐसे शख्स हैं जिसने हवाई जहाज़ में टॉयलेट साफ करने की नौकरी करी है लेकिन उनकी लग्न और मेहनत ने उन्हें दुनिया के अमीर लोगों की लाईन में खड़ा कर दिया है।

32 साल के काजी रहमान एक बच्चे के पिता हैं. वे अपने परिवार के साथ 11 साल की आयु में 1997 में ब्रिटेन आए थे. स्कूलिंग करने के बाद लंदन सिटी एयरपोर्ट पर बतौर टॉयलेट क्लीनर काम करना शुरू किया था।

काजी रहमान की कामयाबी की कहानी पर यकीन करना मुश्किल है मगर यह पूरी तरह सच है. मीडिया रिपोट्र्स के मुताबिक काजी रहमान खुद को हलाल रिचर्ड ब्रेन्सन बुलाते हैं. काजी रहमान ने अपनी एयरलाइंस का नाम फिरनास एयरवेज रखा है. मजे की बात यह है कि काजी की एयरलाइंस में शरियत कानून का पालन होगा. अपनी पहली उड़ान के साथ फिरनास एयरवेज ब्रिटेन की पहली शरियत कानून पर चलने वाली एयरलाइंस है।

शरियत कानून का पालन करने का मतलब यह है कि इस एयरलाइंस में यात्रियों को इस्लाम के कानून के हिसाब से सुविधाएं मिलेंगी. मतलब यह कि आप इस एयरलाइंस में शराब का सेवन नहीं कर सकते हैं. साथ ही इस एयरलाइंस में यात्रियों की सुविधा के लिए हिजाब पहनी एयरहोस्टेस नजर आएंगी।

मीडिया के मुताबिक बांग्लादेशी मूल के काजी रहमान की जिंदगी पर चैनल 4 ने एक डॉक्यूमेंट्री जारी की है. काजी की भविष्य की योजना ब्रिटेन से यूएई, पाकिस्तान, बांग्लादेश के लिए फ्लाइट शुरू करने की है.काजी ने अपनी डॉक्यूमेंट्री में कहा कि वह शुरू से ऊंची सोच रखने वाले व्यक्ति थे. इसी कारण उन्हें अपने सपने को पूरा करने में कामयाबी मिली है. टॉयलेट क्लीनिंग के जॉब के दौरान भी वह सूट पहनकर काम करने जाते थे