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2006 के युद्ध में इस्राईल को जिस पराजय का सामना हुआ था अब उससे भी बुरी पराजय उसके इंतेज़ार में है, हिज़्बुल्लाह ने इस्राईली सेना को लेबनान की सीमा पर पंगु बना दिया है : रिपोर्ट

इस्राईली सेना को होने वाली जानी व माली क्षति के बारे में प्रकाशित आंकड़े इस बात के सूचक हैं कि दक्षिणी लेबनान पर दोबारा क़ब्ज़ा करने और एक सुरक्षा बेल्ट उत्पन्न करने का विचार ज़ायोनी सरकार के दिमाग़ से निकल गया है और वर्ष 2006 के युद्ध में ज़ायोनी सरकार को जिस पराजय का सामना हुआ था उससे भी बुरी पराजय उसके इंतेज़ार में है।

लेबनान में प्रतिरोध ने ज़ायोनी सैनिकों को होने वाली जानी व माली क्षति के बारे में जो नया आंकड़ा जारी किया है उसके अनुसार दक्षिणी लेबनान की सीमा पर ज़मीनी हमला व कार्यवाही आरंभ होने के समय से अब तक 90 ज़ायोनी सैनिक हताहत और 750 दूसरे घायल हुए हैं।

इसी प्रकार ज़ायोनी सेना के 38 मिरकावा टैंक, तीन हेरमस 450 ड्रोन, एक हेरमस 900 ड्रोन, 4 सैनिक बुल्डोज़र, दो सैनिक वाहन तबाह हो चुके हैं।

अलबत्ता ज़ायोनी सैनिकों को होने वाली यह क्षति उस क्षति में शामिल नहीं है जो अवैध अधिकृत फ़िलिस्तीन में ज़ायोनी सैनिकों के ठिकानों, छावनियों और ज़ायोनी क़स्बों को पहुंची हैं।

इससे पहले ज़ायोनी सेना ने अपने 73 सैनिकों के मारे जाने को स्वीकार किया और कहा था कि इनमें से अधिकांश सैनिक उत्तरी मोर्चे पर जारी लड़ाई में मारे गये हैं।

अतिग्रहणकारी सैनिकों की ओर से जारी किये गये आंकड़े के अनुसार गत दो दिनों के दौरान 88 अन्य ज़ायोनी सैनिक घायल हुए हैं।

ज़ायोनी सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी एलान किया है कि 15 अक्तूबर से अब तक घायल होने वाले सैनिकों की संख्या 784 हो गयी है और इन लोगों को अवैध अधिकृत फ़िलिस्तीन के अस्पतालों में भर्ती किया गया है।

ज़ायोनी सरकार के विपक्षी नेता यायिर लैपिड ने इस सरकार के चैनल नंबर 12 से वार्ता में कहा है कि 11 हज़ार सैनिक घायल हो चुके हैं जबकि 890 सैनिक मारे जा चुके हैं। उन्होंने कहा कि अगर यह मंत्रिमंडल कुछ नहीं करता है तो कल और सैनिक मारे जायेंगे और हम यह नहीं कह सकते कि यह नहीं हुआ है।

इसी प्रकार यायिर लैपिड ने कहा कि हम इन वास्तविकताओं की अनदेखी नहीं कर सकते। क्या हम कह सकते हैं कि सारी चीज़ें हमारी इच्छा के अनुसार हो रही हैं।?

ज्ञात रहे कि यायिर लैपिड ने नेतनयाहू की ओर से लगाये गये कड़े सेन्सर की अनदेखी करते हुए कुछ सच्चाई क़बूल की है।

ज़ायोनी संचार माध्यमों और कमांडरों ने भी उत्तरी मोर्चे पर चिंताजनक स्थिति की ओर संकेत करते हुए एलान किया है कि सभी सुबह को सायरन की आवाज़ से उठते हैं और हिज़्बुल्लाह ने बहुत जल्द अपनी ताक़त को संगठित व एकजुट कर लिया और दक्षिणी लेबनान को ज़ायोनी सैनिकों की मौत की जाल में बदल दिया है।

हिज़्बुल्लाह का कौन सा ड्रोन नेतनयाहू के आवास से टकराया ?

ज़ायोनी सरकार के एक विश्लेषक ने लेबनान के हिज़्बुल्लाह के ड्रोन से मुक़ाबले में इस्राईल की कमज़ोरी को स्वीकार किया है।

एक ज़ायोनी सैनिक विश्लेषक अमीर बूख़बूत ने न्यूज़ एजेन्सी “वल्ला” के साथ बातचीत में कहा है कि अवैध अधिकृत फ़िलिस्तीन की ओर जो ड्रोन छोड़ा गया था उसके मुक़ाबले में ज़ायोनी सेना कमज़ोर है। उसने हिज़्बुल्लाह की ओर से छोड़े गये हालिया ड्रोन सहित विभिन्न घटनाओं की ओर संकेत किया और कहा कि यह चीज़ें इस बात की गवाह हैं कि इस्राईली सेना इनके मुक़ाबले में कमज़ोर है।

पार्सटुडे ने न्यूज़ एजेन्सी इर्ना के हवाले से बताया है कि अमीर बूख़बूत ने इस संबंध में कहा कि ड्रोन विमानों से जो चुनौतियां उत्पन्न हुई हैं वे आज स्पष्ट नहीं हुई हैं बल्कि 7 अक्तूबर 2023 से ही सबके लिए स्पष्ट हो चुकी हैं।

बूख़बूत की घोषणा के अनुसार हिज़्बुल्लाह के ड्रोन विमानों को पता लगाकर उन्हें मार गिराना बहुत कठिन व जटिल है। क्योंकि ये ड्रोन राडार की पकड़ में नहीं आते हैं और वे काफ़ी नीचे से उड़ते हैं और यह वह चीज़ है जिसकी वजह से इस्राईल की वायुसेना की ताक़त उन्हें लक्ष्य बनाने में कमज़ोर है।

इस ज़ायोनी विश्लेषक ने आगे कहा कि एक ड्रोन का राडार पर न आना और इस्राईल के प्रधानमंत्री के आवास के निकट तक उसका पहुंच जाना एक ऐसा झटका था जो गोलानी छावनी को लक्ष्य बनाने से कम नहीं था।

ज़ायोनी सेना ने 23 सितंबर से दक्षिणी लेबनान के विभिन्न क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर हमले आरंभ कर रखा है कि उसे हिज़्बुल्लाह के मुंहतोड़ और करारे जवाब का सामना है।

लेबनान के स्वास्थ्य मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार लेबनान पर ज़ायोनी सरकार के हमलों में अब तक दो हज़ार 546 लेबनानी शहीद और हज़ारों घायल हो चुके हैं।

ज़ायोनी सरकार अपने हमलों में लेबनान के आम नागरिकों को लक्ष्य बना रही है और हिज़्बुल्लाह ज़ायोनी सरकार के अपराधों के मुक़ाबले में चुप नहीं बैठा है और इस्राईल के अतिक्रमण के आरंभ से ही उसने अवैध अधिकृत फ़िलिस्तीन के उत्तर में ज़ायोनी सैनिकों के ठिकानों और ज़ायोनी क़स्बों को लक्ष्य ब