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14 अगस्त, अब भारत और पाकिस्तान आमने सामने

भारत की ओर से 14 अगस्त को विभाजन की ख़ौफ़नाक यादों के दिन के रूप में मनाने की पाकिस्तान ने आलोचना की है।

पाकिस्तान ने भारत की सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी की ओर से पाकिस्तान की इंडिपेंडेंस डे को विभाजन का ख़ौफ़नाक दिन मनाने के फ़ैसले को निंदनीय हरकत क़रार दिया है।

द हिंदू की रिपोर्ट के अनुसार 14 अगस्त इस रूप में मनाने का फ़ैसला भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की इच्छा से किया गया है। इस साल यह कार्यक्रम 75 शरणार्थी कालोनियों में ख़ामोश मार्च के ज़रिए मनाया जाएगा जबकि युनिवर्सिटियों और कालेजों सहित 5 हज़ार से अधिक जगहों पर क़ुरबानियों की याद ताज़ा की जाएगी।

पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने भारत की सत्ताधारी पार्टी के इस फ़ैसले की निंदा में एक बयान जारी किया जिसमें कहा गया है कि आरएसएस और बीजेपी ने इतिहास को भ्रामक रूप में पेश करने जनता के जज़्बात को आहत करने की योजना बनाई है।

बयान में कहा गया है कि भारत के नेताओं को अगर वाक़ई दर्द और पीड़ा की परवाह है तो देश में बसे मुसलमानों और अन्य अल्पसंख्यकों के जीवन को बेहतर बनाएं। बयान में कहा गया है कि भारत की सहिष्णुता एक धोखा थी और आज का भारत ग़ैर एलानिया तौर पर हिंदू राष्ट्र बन चुका है जिसमें अल्पसंख्यकों के लिए कोई जगह नहीं है।