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12th फ़ेल मूवी देख ली गई है, अब रिव्यू पढ़िए!

Priyanshu Kushwaha
@PriyanshuVoice
12th फेल मूवी देख ली गई है। अब रिव्यू पढ़िए।

• मनोज कुमार शर्मा के पिताजी सरकारी नौकर है। दादाजी सरकारी नौकर है। दादाजी की बची हुई पेंशन दादीजी उठा रहीं हैं। लेकिन फिर भी अदब का घर नहीं है। सुदामा को गरीब दिखाना है।

• बात-बात में चप्पल निकाल लेना है। जिस लाइब्रेरी में नौकरी कीजिए, उसका बूढ़ा मालिक अगर हिसाब माँगे तो उसपर चप्पल उठा लीजिए।

• लड़की को एरोनॉटिकल इंजीनियर बोल के घुमाइए। भले खाने के पैसे ना हों, उससे मिलने मसूरी जाइए।

• डाकिए पर दुनाली तान दीजिए। पुलिस मुक़दर्शक बनी रहेगी। विधायक के आदमी को चप्पल से पीट दीजिए। थानेदार को धमकी देकर डीएसपी के घर घुस जाइए।

यह फ़िल्म बोगस हवाबाज़ी है। आप अगर यूपीएससी की तैयारी कर रहें है तो इसके हल्के सींस पर ऑर्गैज़म ले सकते हैं। लेकिन इतना याद रखिए, आपके सरनेम में “शर्मा” नहीं लगा है तो इंटरव्यूअर आपको दोबारा नहीं बुलाएगा।