देश

100 रुपये के नये नोट ने बढ़ाई टेंशन!ATM में ड़ालने से पहले खर्च होंगे 100 करोड़

नई दिल्ली: रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया (RBI) ने 100 रुपये के नए नोट की पहली तस्वीर तो जारी कर दी है, लेकिन एटीएम को उसके लायक बनाने में कंपनियों को 100 करोड़ रुपये खर्च करने होंगे. नए नोट का आकार मौजूदा 100 रुपये के नोट से अलग होगा और इसके लिए एटीएम को रीकैलिब्रेट करना होगा।

एटीएम ऑपरेशन इंडस्ट्री के मुताबिक, नए नोटों की वजह से देश के 2.4 लाख मशीनों को रीकैलिब्रेट करने पर 100 करोड़ रुपये खर्च होंगे.आपको बता दें कि हाल ही में 200 रुपये का नोट जारी किया गया था और इसके लिए भी एटीएम को रैकैलिब्रेट करना पड़ा. इंडस्ट्री के जानकारों का कहना है 200 रुपये के नोट के लिए सभी एटीएम को रीकैलिब्रेट करने का काम खत्म भी नहीं हुआ है कि नया नोट आ गया है।

100 रुपए के नए नोट पर फंसा ATM का पेंच- रिजर्व बैंक ने 100 रुपए का नया नोट लाने का ऐलान कर दिया है, लेकिन आपको सभी ATM पर यह नोट मिलने में 1 साल तक का समय लग सकता है.(ये भी पढ़ें-PNB की SMS सर्विस! चंद सेकेंड में हो जाएंगे बैंक से जुड़े ये 5 काम)एटीएम सर्विस मुहैया कराने वाली कंपनी एफएसएस के डायरेक्‍टर, सीएटीएमआई एंड प्रेसीडेंट वी बालासुब्रमणियम ने कहा कि किसी नोट के साइज में बदलाव होने से एटीएम को उस नोट के साइज के हिसाब से रीकैलिबरेट करना पड़ता है।

अब सवाल यह है कि हम एटीएम को नए और पुराने दोनों तरह के नोट के हिसाब से कैसे रीकैलिबरेट करें. ऐसे में एटीएम में पुराने नोट का जारी रहना और एटीएम चैनल के जरिए नए नोट पेशन होना और उसकी उपलब्‍धता यह सुनिश्चित करेगी कि इसे रीकैलिबरेट किया जाए या नहीं.यहां बदले जाएंगे फटे, पुराने और रंगे नोट, जानें क्या है प्रक्रिया।

लगेगा एक साल- हिताची पेमेंट सर्विसेज के एमडी लोनी एंटनी का कहना है कि हमारा मानना है कि 100 रुपए के नए नोट के हिसाब से 2.4 लाख एटीएम को रीकैलिबरेट करने में 12 माह का समय लगेगा और कम से कम 100 करोड़ रुपए की लागत आएगी. अभी 200 रुपए के नए नोट के हिसाब से सभी एटीएम रीकैलिबरेट करने की प्रक्रिया पूरी नहीं हुई है।

100 रुपये के नए नोट साइज- नया नोट आकार में पुराने 100 के नोट से छोटा व 10 के नोट से मामूली बड़ा होगा. इसका साइज 66 mm×142 mm है. रिजर्व बैंक ने कहा है पुराने 100 रुपए के नोट भी लीगल टेंडर यानी वैध रहेंगे. जब नए डिजाइन में नोट जारी किये जाते हैं तक उसकी छपाई और आम लोगों तक सप्‍लाई के लिए उसका डिस्‍ट्रीब्‍यूशन धीरे-धीरे बढ़ता है