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10/08/2022 जनपद कैथल की ख़ास ख़बरें : प्रशासनिक कमेटी की सिफ़ारिश पर अवैध कॉलोनियों को किया जाएगा नियमित : रवि जैस्ट की क़लम से

Ravi Press
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प्रशासनिक कमेटी की सिफारिश पर अवैध कॉलोनियों को किया जाएगा नियमित : – डीसी डॉ. सगीता तेतरवाल
आवेदन के साथ कॉलोनी का ले-आउट प्लान व मलकियत से संबंधित राजस्व दस्तावेज संलग्न करना अनिवार्य

कैथल, 10 अगस्त ( )डीसी डॉ. सगीता तेतरवाल ने कहा कि हरियाणा सरकार ने नगर निगम की सीमा से बाहर विकसित की गई अवैध कॉलोनियों में नागरिक सुविधाओं के साथ अवैध कॉलोनियों को नियमित करने के लिए गत 19 जुलाई को अधिसूचना जारी कर दी है। इस अधिसूचना के 6 महीने के अन्दर अवैध कॉलोनियों के डेवलपर्स, जमीन मालिक अथवा रेजिडेंसियल वेलफेयर एसोसिएशन को आवेदन करना होगा। आवेदन के साथ कॉलोनी का ले-आउट प्लान व मलकियत से संबंधित राजस्व दस्तावेज संलग्न करने होंगे। डीसी ने कहा कि उनकी अध्यक्षता में एक कमेटी आवेदनों की जांच करेगी। इस कमेटी में जिला नगर योजनाकार , जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी, जिला विकास पंचायत अधिकारी, लोक निर्माण विभाग के कार्यकारी अभियंता, जन स्वास्थ्य विभाग के कार्यकारी अभियंता, जिला अग्नि शमन अधिकारी, कार्यकारी अभियंता पंचायती राज, तहसीलदार शामिल हैं। इस कमेटी की अनुशंसा पर अवैध कॉलोनियों में बुनियादी सुविधाएं देने व इन्हें नियमित करने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। आवेदकों द्वारा कॉलोनियों को नियमित करने हेतु बिल्ट अप एरिया के लिए कलेक्टर रेट का 5 प्रतिशत और खुले क्षत्रों के लिए 10 प्रतिशत की दर से विकास शुल्क जमा करवाने के बाद कॉलोनियों को नियमित किया जाएगा और वहां रहने वाले लोगों को मूलभूत सुविधाएं प्रदान की जाएंगी।

बॉक्स :- पॉलिसी को चार श्रेणियों में बांटा गया : डीसी
डीसी डॉ. संगीता तेतरवाल ने बताया कि पॉलिसी अनुसार अवैध कॉलोनियों को चार श्रेणियों में बांटा गया है। जिन कॉलोनियों में 25 प्रतिशत तक निर्माण हो चुका है, वहां सड़कों को 9 मीटर से अधिक चौड़ा करते हुए पार्क का निर्माण कराया जाएगा। 20 एकड़ से अधिक में बसी कॉलोनियों में 500 वर्गमीटर क्षेत्र सामुदायिक भवन के लिए होगा। इसी तरह जहां 25 से 50 प्रतिशत तक निर्माण हो चुका है, वहां सड़कों को न्यूनतम 6 मीटर चौड़ा करने के लिए जगह रखी जायेगी। पार्कों के लिए न्यूनतम 3 प्रतिशत क्षेत्र रखना होगा। 50 से 75 प्रतिशत तक निर्माण वाली कॉलोनियों में सड़क की चौड़ाई के लिए कोई मापदण्ड नहीं है, जिन कालोनियों में 75 प्रतिशत अधिक निर्माण हो चुके हैं, वहां जमीन और मकान की बिक्री पर कोई प्रतिबंध नहीं होगा। डीसी ने कहा कि इस बारे अधिक जानकारी के लिए जिला नगर योजनाकार, कार्यालय, सैक्टर-19, प्रथम तल, हुडडा कॉम्पलेक्स, कैथल में (दूरभाष नंबर 01746-223368 ) संपर्क कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त कार्यालय में कार्यरत सुखविन्द्र कनिष्ठ अभियंता (70159-61549), सुमित कनिष्ठ अभियंता (99960-55659) व अरुण कनिष्ठ अभियंता (98025-25002) से भी संपर्क कर सकते हैं। Sangeeta TetarwalDPR HaryanaDistrict Administration, KaithalCMO HaryanaDIPRO Kaithal

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तिरंगा फहराने की मुहिम राष्ट्र भक्ति की एक अनूठी मिसाल है–सभी 13 से 15 अगस्त तक घर-घर तिरंगा फहराएं :- डीसी डॉ. संगीता तेतरवाल
हर घर तिरंगा उत्सव के तहत डीसी डॉ. संगीता तेतरवाल ने तिरंगा यात्रा का लघु सचिवालय से झंडी दिखाकर किया रवाना

कैथल, 10 अगस्त ( )आजादी का अमृत महोत्सव की श्रृंखला में हर घर तिरंगा उत्सव के तहत डीसी डॉ. संगीता तेतरवाल ने जिला रैडक्रॉस सोसायटी द्वारा लघु सचिवालय से निकाली गई तिरंगा यात्रा का झंडी दिखाकर रवाना किया। इस यात्रा में युवाओं ने बुलंद आवाज में हाथों में तिरंगा लहराकर भारत माता की जय, इंकलाब जिंदाबाद और वन्दे मातरम के नारे लगाए। यह यात्रा लघु सचिवालय से जाट कालेज, आई.जी. कालेज, पेहवा चौक, शहीदी स्मारक एवं शहर के मुख्य मार्गो से गुजरते हुए रैडक्रॉस भवन कैथल में पहुंची।

उपायुक्त डॉ. संगीता तेतरवाल ने कहा कि देश की आन-बान-शान का प्रतीक राष्ट्रीय ध्वज तिरगें को फहराने के लिए असंख्य वीर शहीदों ने अपने प्राणों को न्यौछावर किया है। आजादी के अमृत महोत्सव के तहत हर घर पर तिरंगा फहराने की जो मुहिम चलाई है वह अपने आप में राष्ट्रभक्ति की एक अनूठी मिसाल है। इस मुहिम से युवा पीढ़ी में देशभक्ति की भावना जागृत होगी। हर घर तिरंगा कार्यक्रम के माध्यम से देश का आम नागरिक आजादी के अमृत महोत्सव से जुडेगें और अपने-अपने घरों पर तिरंगा झंडा फहराकर गर्व महसूस करेंगे। उन्होंने नागरिकों से आह्वान किया कि वे हर घर तिरंगा मुहिम को सफल बनाने के लिए इस अभियान में हिस्सा लेवें और 13 से 15 अगस्त तक अपने घरों पर तिरंगा झंडा फहराकर दूसरे लोगों को भी देशभक्ति का संदेश दें।


जिला रैडक्रॉस सचिव रामजी लाल ने युवाओं को झंडे के रख रखाव व सभी नियमों के बारे में जानकारी दी और कहा कि तिरंगा हमारे देश की शान है । उक्त कार्यक्रमों के माध्यम से स्वतन्त्रता सेनानियों को याद किया जा रहा है । आज की युवा पीढ़ी को उस दौर में हमारे पूर्वजों द्वारा दिए गए बलिदान को याद दिलाना बहुत जरूरी है । इस मौके पर डॉ. बीरबल दलाल, रामपाल लेखाकार, पवन कुमार, अमित कुमार, हर्ष बुरा, चन्द्रपाल, खुशप्रीत, काजल, अभिषेक, सुखदेव आदि मौजूद रहे। DPR HaryanaDistrict Administration, KaithalCMO HaryanaDIPRO KaithalKamlesh Amit Dhanda

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समाचार विद फोटो।
-जल शक्ति अभियान और जल जीवन मिशन के तहत बरसात के पानी के सरंक्षण और संर्वधन के लिए ठोस योजना बनाएं संबंधित अधिकारी-मेरा पानी मेरी विरासत के तहत प्राथमिकता के आधार पर काम करने की जरूरत–सभी कार्यालयों में बरसाती पानी के रिचार्जिंग की होनी चाहिए व्यवस्था :- केशनी आनंद अरोड़ा

जिला के सभी क्षेत्रों में सरकार द्वारा जारी गाईडलाईन के आधार पर जल सरंक्षण और रिचार्जिंग की व्यवस्था करें संबधित अधिकारी–बदलते परिवेश में जल का संग्रह और सरंक्षण अति आवश्यक:- डीसी डॉ संगीता तेतरवाल

चंडीगढ से पूर्व मुख्य सचिव केशनी आनंद अरोड़ा द्वारा मेरा पानी मेरी विरासत के तहत आयोजित वीसी में मिले निर्देशों की अनुपालना में डीसी डॉ संगीता तेतरवाल ने वीसी के बाद संर्दभित विषय को लेकर ली अधिकारियों की बैठक। जल सरंक्षण और मेरा पानी मेरी विरासत के तहत सुचारू रूप से काम करने के दिए निर्देश।

कैथल, 10 अगस्त ( ) पूर्व मुख्य सचिव एवं हरियाणा की जल स्त्रोत प्राधिकरण की चेयरपर्सन केशनी आनंद अरोड़ा ने कहा कि बरसात के पानी के सरंक्षण, संग्रह और संर्वधन के लिए व्यवस्था बेहतरीन होनी चाहिए। सरकार ने जल शक्ति अभियान और जल जीवन मिशन व मेरा पानी मेरी विरासत संबंधित विषय को लेकर गाईडलाईन जारी की है जिसके तहत संबंधित विभागों के अधिकारी बरसात के पानी को संजोए रखने और रिचार्जिग व्यवस्था को कार्यरूप में परिणत करने के लिए आगामी तीन साल (2022-25) की ठोस योजना मुख्यालय को अवगत कराएं ताकि इस विषय को लेकर बेहतर तरीके से काम हो सके। केशनी आनंद अरोड़ा बुधवार को चंडीगढ से वीसी के माध्यम से प्रदेश के अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दे रही थी।

वीसी को देखने और सुनने के बाद डीसी डॉ संगीता तेतरवाल ने अधिकारियों की बैठक में वीसी में मिले निर्देशों के तहत कहा कि सभी संबंधित विभागों के अधिकारी विशेषकर सिंचाई विभाग के अधिकारी बरसात के पानी के संरक्षण के लिए एक ठोस योजना बनाए ताकि जमीन के नीचे का जल स्तर संतुलित रह सके। गिरता भू-जल स्तर हम सबके लिए बहुत बड़ी चुनौती है। सभी अधिकारियों को चाहिए कि वे इस विषय को लेकर मुस्तदी के साथ काम करें। जल सरंक्षण और मेरा पानी मेरी विरासत के तहत फसलों का विधिकरण अपनाने किसानों को शिविर लगाकर जागरूक करने का काम करे। ऐसी फसलों की बिजाई करे जिनमें पानी कम लगता है और उपज भी अपेक्षाकृत बेहतर होती है ओर जमीन की उर्वरा ताकत भी बनी रहती है।

डीसी ने यह भी कहा कि जमीन की ताकत को बनाए रखने के लिए फसलों का विधिकरण बहुत जरूरी है। गेंहू और धान की बजाय फलों-फूलों, सब्जियो, दलहन, तिलहन इत्यादि की खेती की और विशेष ध्यान देने की जरूरत है। इस प्रकार की फसलों में पानी भी कम लगता है और प्रति एकड़ उत्पादन क्षमता भी बढ़ती है। प्रति एकड़ उत्पादन क्षमता बढ़ाने और प्रति व्यक्ति आय बढाने में फसलों का विधिकरण अति आवश्यक है। इस मौके पर हरियाणा वॉटर रिसोर्स अथोरिटी के एक्सपर्ट एवं नोडल अधिकारी एन के निझावन, सीईओ जिप सुरेश राविश, कार्यकारी अभियंता प्रशांत कुमार, गौरव कंसल, अरविंद रोहिला, योगेश, केके बाठला, डीआईपीआरओ धर्मवीर सिंह, डीडीए डॉ कर्मचंद, डीएचओ प्रमोद, डीटीपी अनिल नरवाल, ईओ कुलदीप मलिक आदि मौजूद रहे।बाक्स:-वीसी में डीसी ने हरियाणा की जल स्त्रोत प्राधिकरण की चेयरपर्सन केशनी आनंद अरोड़ा को बताया कि जिला में लेजर लैवलिंग का कार्य बहुत अच्छा है। बिजाई के क्षेत्र में डीएसआर की व्यवस्था बहुत अच्छी है। इस व्यवस्था से किसान को आर्थिक बचत भी होती है और प्रति एकड़ उत्पादन में ईजाफा भी होता है। साथ ही पानी की खपत भी कम होती है।

बाक्स:-चेयरपर्सन ने वीसी में कहा कि जल सरंक्षण संबंधि विषय को लेकर समय-समय पर बैठक का आयोजन किया जाना लाजमी है। आयोजित बैठक में अधिकारियों के साथ-साथ विशेषज्ञों की भागेदारी भी जरूरी है साथ ही प्रगतिशील किसानों को शामिल किया जाए। ऐसा करने से व्यवस्था में प्रेरक और उल्लेखनिय बदलाव आएगा। उन्होंने यह भी कहा कि सुक्ष्म सिंचाई प्रणाली भी पानी की बचत का एक महत्वपूर्ण जरिया है। इस विषय को लेकर भी किसानों को जागरूक करने की जरूरत है। DPR HaryanaDistrict Administration, KaithalCMO HaryanaDIPRO KaithalKamlesh DhandaCMO Haryana : Report Card