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प्रतीक और परम्पराओं के सहारे…By-Tajinder Singh
Tajinder Singh ============== प्रतीक और परम्पराओं के सहारे… मेरा घर जिस जगह है वो प्राइवेट इलाका है। मेरे घर से एक किलोमीटर की दूरी से टाटा कंपनी का इलाका शुरू हो जाता है। यहां है चौड़े चौड़े रोड, चारो तरफ लगे वृक्ष। वृक्षों का एक जंगल है यहां। आप हर चौथे घर मे आम का […]
“लेकिन यह हार तो तुम्हारा हुआ”
लक्ष्मी कान्त पाण्डेय ==================== · एक गांव में एक जमींदार था। उसके पास कई नौकर काम करते थे,जिनमें गांव से लगी बस्ती का एक जग्गू भी था, बाकी मजदूरों के साथ जग्गू भी अपने पांच लड़कों के साथ रहता था। जग्गू की पत्नी बहुत पहले गुजर गई थी। वह एक झोंपड़े में बच्चों को पाल […]
बारह मासा का एक गीत……By-अवध बिहारी श्रीवास्तव
अवध बिहारी श्रीवास्तव Lives in Kanpur, Uttar Pradesh From Varanasi, India ============ मित्रों बारह मासा का एक गीत पूस कांधे पर अभाव की लाठी पूस घूमता गांव मे गन्ने के रस पर दिन बीता रात बिताएंगे नारायण काकी कथरी ओढ़े चुप हैं काका बांच रहे रामायण हाथ पसारें कैसे जकड़ीं मर्यादाएं पांव मे भइया ने […]