

Related Articles
दीप्ति के मन में अपने इस जीजाजी के लिए…
Poonam Jarka ========== बच्चों की छुट्टियां कल खत्म होने वाली थी, जिस वजह से हम आज रात ही सपरिवार ससुराल से छुट्टियां बिताकर वापस अपनी कर्मस्थली गोरखपुर की ओर प्रस्थान करने वाले थे। हँसी मजाक का दौर आज भी अन्य दिनों की भांति ही अपने चरम पर था। थोड़ी थोड़ी देर पर दीप्ति बीच महफिल […]
जब बहू अपने ससुर के इस आदत से पूरी तरह ऊब गई तो उसने,,,,
Arvind Verma ============== घर की नई नवेली इकलौती बहू एक प्राइवेट बैंक में बड़े ओहदे पर थी । उसकी सास तकरीबन एक साल पहले ही गुज़र चुकी थी । घर में बुज़ुर्ग ससुर औऱ उसके पति के अलावे कोई न था । पति का अपना कारोबार था । पिछले कुछ दिनों से बहू के साथ […]
हम सत्य हैं, हम नित्य हैं और आनंद स्बरूप हैं इस बात का बोध होना ही ‘ध्यान’ है : लक्ष्मी सिन्हा का लेख पढ़िये
Laxmi Sinha ============== हम सत्य हैं, हम नित्य हैं और आनंद स्बरूप हैं इस बात का बोध होना ही ‘ध्यान’ है ______________________ जब चेतना का प्रकाश किसी भी परिस्थिति से प्रभावित नहीं होता तथा चेतना सदा आनंद में रहने लगती है,तब मनुष्य उस द्वार में प्रवेश कर जाता है,जहां ‘मैं’से परिचय होती है, यही ‘ध्यान’ […]