देश

हीरालाल सामरिया की मुख्य सूचना आयुक्त के रूप में नियुक्ति से राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया

भारत में सूचना आयुक्त के पद से पदोन्नत करते हुए हीरालाल सामरिया की मुख्य सूचना आयुक्त (सीआईसी) के रूप में नियुक्ति से राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली उच्चाधिकार प्राप्त चयन समिति में विपक्षी सदस्य कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पत्र लिखकर कहा है कि उन्हें इस चयन के बारे में पूरी तरह से अंधेरे में रखा गया।

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, उन्होंने कहा कि सरकार ने चयन के बारे में न तो उनसे परामर्श किया और न ही उन्हें सूचित किया।

उनका कहना था कि केंद्रीय सूचना आयुक्त और सूचना आयुक्तों के चयन के मामले में सभी लोकतांत्रिक मानदंडों, रीति-रिवाजों और प्रक्रियाओं की धज्जियां उड़ा दी गई हैं।

राष्ट्रपति मुर्मू ने सोमवार को उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति में एक समारोह के दौरान सामरिया को सीआईसी के रूप में शपथ दिलाई थी।

पिछले 3 अक्तूबर को यशवर्धन कुमार सिन्हा का कार्यकाल पूरा होने के बाद से सीआईसी का पद खाली था।

सामरिया के अलावा सोमवार को भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड के पूर्व अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक आनंदी रामलिंगम और भारतीय वन सेवा के 1986 बैच के अधिकारी विनोद कुमार तिवारी को सूचना आयुक्त पद की शपथ दिलाई गई। तिवारी हिमाचल प्रदेश वन विभाग के प्रमुख के रूप में बल प्रमुख-सह-प्रधान मुख्य वन संरक्षक का पद संभाल रहे थे.

ज्ञात रहे कि 2020 में सीआईसी के रूप में यशवर्धन कुमार सिन्हा की नियुक्ति भी चयन समिति की बैठक में अधीर रंजन चौधरी की कड़ी आपत्तियों के बावजूद हुई थी।