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“क…क.. कुछ…कुछ नहीं”…लेकिन तुम्हारी काजल भरी बड़ी-बड़ी आँखों से डरकर दोबारा हिम्मत ही नहीं हुई…
Rashi Singh ============== सीढ़ियों से उतरती अपनी भीगी लटों को माथे से हाथों से संभालने की बेमानी कोशिश करती ललिता को नीचे खड़ा माही एकटक देखे जा रहा था। “क्या हुआ? ” ललिता ने हंसते हुए पूछा तो वह झेंप गया। “क … क.. कुछ.. कुछ नहीं। ” वह हकलाते हुए बोला। “देख तो ऐसे […]
मैं अपनें आस पास जितने भी लोगों को देखती हूं उनमें बिलकुल शांत और ख़ुश मुझे कोई भी नहीं दिखाई पड़ता लेकिन…
मनस्वी अपर्णा =========== #थोड़ा_है_थोड़े_की_ज़रूरत_है जावेद अख़्तर साहब का एक बड़ा मशहूर शेर है उसी से अपनी बात शुरू करती हूॅं शेर कुछ यूं है..….. सबका खुशी से फासला एक क़दम है हर घर में बस एक ही कमरा कम है ये शेर और इसका मफहूम हमारी ज़मीनी हक़ीक़त है, मैं अपनें आस पास जितने भी […]
मदद : राहत बहुत परेशान था…..कहाँ से लाए पचास लाख रुपये?…By-Praveen Rana Verma
Praveen Rana Verma =============== · मदद राहत बहुत परेशान था। उसे कुछ भी समझ नहीं आ रहा था कि वो क्या करे, कहाँ से लाए पचास लाख रुपये? उसकी बेटी आश्विका का पिछले दो सालों से इलाज चल रहा है। सब जमा पूंजी इलाज पर खर्च हो गई। अपनी बेटी के इलाज के लिए उसे […]