

Related Articles
उस दिन हद हो गई जब उसने एक मनचले की धुनाई कर दी और…
मीनू का मन विचलित था। कभी अपनी अभावग्रस्त जिंदगी देखती… कभी मैडम का प्रलोभन। “मीनू, चलो मेरे साथ काम दिलवा दूंगी…ऐश करोगी ऐश। “ गोरी-चिट्ठी मैडम आधुनिक लिबास में लिपस्टिक पोते नजाकत से कार में बैठती, फाटक ड्राइवर खोलता… मैडम का बिंदास अंदाज बेफिक्री… गरीबी से त्रस्त बेजार मीनू को अपनी ओर खींचते। मीनू के […]
तेरी यादों का धुआं उठ रहा, दिल भी जैसे ख़ामोश कोई समुंदर है!!!!
तेरी यादों का धुआं उठ रहा, दिल भी जैसे ख़ामोश कोई समुंदर है, कुछ भूल गए कुछ याद रहा, देखो आया फिर वही बेदर्द दिसंबर है। मौसम भी बदलते हैं धीरे से, तुम हवाओं से भी तेज़ बदल गई, हैरान सा मैं कुछ ना समझ सका, ज़हन में ताज़ा अब भी वो मंज़र है। डूबने […]
पहले यहां का भी इंतजाम देख लूँ…बॉस को मक्खन लगाने में बड़ा माहिर था…।
एक कर्मचारी कम्पनी के सभी कामों से बचता था लेकिन बॉस को मक्खन लगाने में बड़ा माहिर था…..। वह बॉस के आदेश के अनुसार सभी काम करता था। ऑफिशियल काम को छोड़ कर वह बॉस के सभी निजी काम जैसे उनके बेटे की कॉलेज फीस जमा करना, बेटी की डांस कॉस्ट्यूम खरीदना, उनकी कार की […]