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हिज़्बुल्लाह इस्राईल के साथ विवाद में लेबनान के अधिकारों और हितों की रक्षा करने के लिए दृढ़ संकल्पित है : सैयद नसरुल्लाह

लेबनान के इस्लामी प्रतिरोध आंदोलन हिज़्बुल्लाह के महासचिव सैय्यद हसन नसरुल्लाह ने कहा कि ईरान के साथ परमाणु समझौते को पुनर्जीवित करने की बातचीत का अवैध अधिकृत फ़िलिस्तीन और लेबनान के बीच जारी विवाद से कोई लेना-देना नहीं है। अवैध ज़ायोनी शासन के साथ लेबनान के समुद्री सीमा के विवाद को अलग से सुलझाया जाना चाहिए।

प्राप्त रिपोर्ट के मुताबिक़, शुक्रवार को दक्षिण लेबनान में एक कार्यक्रम के दौरान बोलते हुए हिज़्बुल्लाह के महासचिव सैयद हसन नसरुल्लाह ने चेतावनी दी कि अगर अमेरिकी मध्यस्थ बैरूत और तेलअवीव के बीच समुद्री सीमा को लेकर जारी विवाद में लेबनान की मांगों को स्वीकार नहीं करते हैं तो क्षेत्र में शांति नहीं लौटेगी। सैयद नसरुल्लाह ने कहा कि ईरान परमाणु समझौते को पुनर्जीवित करने के लिए समझौते पर हस्ताक्षर किए गए हैं या नहीं, इसका विवादित जल और गैस क्षेत्रों के विवादों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। उन्होंने कहा कि हिज़्बुल्लाह इस्राईल के साथ विवाद में लेबनान के अधिकारों और हितों की रक्षा करने के लिए दृढ़ संकल्पित है।

हिज़्बुल्लाह के महासचिव सैयद हसन नसरुल्लाह ने कहा, “अगर लेबनान की समुद्री सीमा के सीमांकन की मांग को स्वीकार नहीं किया जाता है, तो तनाव बढ़ेगा, भले ही ईरान परमाणु समझौते पर हस्ताक्षर किए गए हों या नहीं।” उन्होंने कहा कि अब सबकी निगाह अमेरिकी मध्यस्थ पर है जो समय बर्बाद कर रहा है। हिज़्बुल्लाह महासचिव ने कहा कि अगले कुछ दिन लेबनान के तेल संसाधनों और समुद्री सीमाओं को निर्धारित करने में “बहुत महत्वपूर्ण” हैं। उल्लेखनीय है कि लेबनान और इस्राईल के बीच समुद्री सीमा के पास तेल और गैस के क्षेत्र मिलने के बाद से दोनों पक्षों के बीच इलाक़े में ड्रिलिंग को लेकर तनाव बना हुआ है। पिछले महीने, हिज़्बुल्लाह महासचिव सैयद नसरुल्लाह ने चेतावनी दी थी कि जब तक लेबनान को उसके उचित हिस्से का भुगतान नहीं होता है तब तक क्षेत्र में किसी को भी खुदाई की अनुमति नहीं दी जाएगी।