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हिंदू राष्ट्र में SC, ST, OBC के मुंह और सिर पर ऐसे ही मुतेगा ”मनुवाद”, पुलिस का हाथ भगवा मण्डली के ”अपराधी” की पीठ पर : रिपोर्ट

मध्य प्रदेश में एक आदिवासी व्यक्ति के ऊपर पेशाब करने वाले आरोपी के ख़िलाफ़ सरकार ने बहुत सख्त कार्यवाही की है, ये ऐतिहासिक कार्यवाही है जब बीजेपी को अपने ही पार्टी के नेता को गिरफ्तार करना पड़ा और उसके घर पर बुलडोज़र भेजना पड़ा, बुलडोज़र की कार्यवाही देखने लायक थी, सोशल मीडिया पर जो वीडियो वायरल हो रहे हैं उन्हें देख कर न्याय कैसे किया जाता है समझा जा सकता है

बड़ी बेशर्मी के साथ बीजेपी के विधायक जिसका कि आरोपी प्रदनिधि है ने इंकार कर दिया था कि आरोपी उसका प्रधनीति नहीं है और न ही वो बीजेपी का सदस्य है, इसी तरह आरोपी का बाप दहाड़ दहाड़ कर कह रहा है कि उसका बेटा बेक़सूर है, मध्यप्रदेश की सरकार को झूठ बोलने वाले अपने विधायक और आरोपी के पिता के खिलाफ कार्यवाही करना चाहिए

मध्य प्रदेश के सीधी जिले में आदिवासी व्यक्ति पर पेशाब करने का वीडियो वायरल होने के बाद आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है. मध्य प्रदेश सरकार ने आरोपी पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून लगा दिया है.

घटना मध्य प्रदेश के सीधी जिले की है. सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में आरोपी आदिवासी के चेहरे पर पेशाब करता नजर आ रहा है. पीड़ित व्यक्ति पर पेशाब करने वाले आरोपी की पहचान प्रवेश के रूप में हुई है. प्रवेश के खिलाफ पुलिस ने एससी-एससी कानून के तहत मामला दर्ज कर उसे मंगलवार की देर रात गिरफ्तार कर लिया. आरोपी पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून भी लगाया गया है.

क्या है मामला
सोशल मीडिया पर जो वीडियो वायरल हो रहा है उसमें आरोपी प्रवेश आदिवासी व्यक्ति पर कथित तौर पर नशे की हालत में पेशाब करते हुए नजर आ रहा है. वीडियो में आरोपी सिगरेट भी पीता हुआ दिख रहा है. मीडिया रिपोर्टों में कहा जा रहा है कि वीडियो कुछ दिन पुराना है और मंगलवार को यह वायरल हुआ.

पीड़ित व्यक्ति की पहचान 36 साल के दशमत रावत के रूप में हुई है और वह सीधी जिले के करौंदी गांव का रहने वाला है. बताया जा रहा है कि सीधी जिले के कुबरी बाजार में पीड़ित व्यक्ति बैठा था और प्रवेश ने कथित तौर पर नशे की हालत में उसपर पेशाब कर दिया.

सीधी जिले की एएसपी अंजू लता पटेल ने मीडिया को बताया कि आरोपी प्रवेश को हिरासत में ले लिया गया है. पटेल ने कहा कि आरोपी से पूछताछ चल रही है. उन्होंने कहा मामले में आगे की कानूनी कार्रवाई जल्द ही जाएगी. पुलिस ने बताया कि आरोपी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धाराओं 294 एवं 504 और अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया गया है.

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंगलवार शाम ट्वीट किया, “सीधी जिले का एक वीडियो मेरे संज्ञान में आया है. मैंने प्रशासन को दोषी व्यक्ति को गिरफ्तार करने और राष्ट्रीय सुरक्षा कानून लगाने का निर्देश दिया है.”

A.K MUKNAYAK
@Moolniwasi2
हिंदू राष्ट्र में SC ST OBC के सर पर ऐसे मुतेगा ब्रह्मण शुक्ला। क्या ब्राह्मण अपनी जाति से प्रेम शुक्ला को निकलेगा?

कांग्रेस हुई हमलावर
कांग्रेस का कहना है कि आरोपी बीजेपी विधायक केदारनाथ शुक्ला का पूर्व प्रतिनिधि है. हालांकि केदारनाथ शुक्ला ने मीडिया से बातचीत में कहा कि आरोपी न तो उनका प्रतिनिधि है और न ही पार्टी का कार्यकर्ता है.

मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने ट्वीट कर इस घटना की निंदा की है. उन्होंने कहा, “आदिवासी समाज के युवक के साथ ऐसी जघन्य और गिरी हुई हरकत का सभ्य समाज में कोई स्थान नहीं है.”

उन्होंने आगे लिखा, “मैं शिवराज सरकार को चेतावनी देता हूं कि आदिवासी समाज पर हो रहे अत्याचारों को सरकारी संरक्षण देना बंद करें. कांग्रेस पार्टी पूरी तरह से आदिवासी समाज के साथ खड़ी है और उन्हें न्याय दिला कर रहेगी.”

बीएसपी प्रमुख मायावती ने भी ट्वीट कर कहा कि ऐसी घटनाएं सभी को शर्मसार करती हैं. उन्होंने कहा कि आरोपी की संपत्ति को जब्त और ध्वस्त करने की कार्रवाई करनी चाहिए.

मध्य प्रदेश में आदिवासियों की संख्या अधिक
मध्य प्रदेश में इसी साल के आखिर में विधानसभा चुनाव होने हैं और वहां की शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार पहले से ही कई समस्याओं का सामना कर रही है. ऐसे में आदिवासी व्यक्ति पर पेशाब का मामला आने वाले दिनों में और राजनीतिक रंग ले सकता है.

2011 की जनगणना के मुताबिक मध्य प्रदेश में कुल जनसंख्या का 21.5 प्रतिशत आदिवासी हैं, जो भारत में किसी भी राज्य की तुलना में सबसे अधिक है. प्रदेश में इतनी संख्या में होने के बावजूद आम आदिवासियों को शोषण और अत्याचार से निजात नहीं मिल पा रही है.

राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो दलितों और आदिवासियों के खिलाफ अपराध के अलग से आंकड़े इकट्ठा करता है और ब्यूरो की रिपोर्टें दिखाती हैं कि इस तरह के मामलों में कोई कमी नहीं आ रही है. एनसीआरबी की 2020 की रिपोर्ट के मुताबिक देश में अनुसूचित जनजाति के लोगों के साथ अत्याचार के 8,272 मामले दर्ज किए गए, जो 2019 के मुताबिक 9.3 प्रतिशत का उछाल है. इन मामलों में सबसे ज्यादा मध्य प्रदेश में 2401 दर्ज किए गए थे.

Zakir Ali Tyagi
@ZakirAliTyagi
मध्यप्रदेश में आदिवासी युवक पर पेशाब करने वाले प्रवेश शुक्ला के घर पहुंचा बुलडोज़र,घर के अवैध निर्माण को तोड़ेगा बुलडोज़र! गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा था कि “हम बुलडोज़र नही चलायेंगे क्योंकि बुलडोज़र कानून के तहत चलता है”!


बीजेपी विधायक का विवादों से नाता
वैसे बीजेपी के चार बार के विधायक केदारनाथ शुक्ला का विवादों से नाता नया नही है.

पिछले साल भी वो उस समय चर्चा में आ गए थे, जब सीधी कोतवाली की एक तस्वीर वायरल हुई थी, जिसमें आठ लोग अर्धनग्न दिख रहे थे.

इनमें से दो स्थानीय पत्रकार और बाक़ी लोग नाट्यकर्मी थे.

आरोप था कि ये लोग एक स्थानीय रंगकर्मी की गिरफ़्तारी का विरोध कर रहे थे, जिसके बाद पुलिस ने इन सभी को पकड़ कर उनके कपड़े उतरवाए और थाने में इनकी परेड निकाली.

उस वक़्त गिरफ्तार हुए पत्रकार कनिष्क तिवारी ने आरोप लगाया था कि वो स्थानीय विधायक केदारनाथ शुक्ला के ख़िलाफ़ ख़बरें चलाते रहे हैं और उन्हीं के इशारे पर पुलिस ने नाट्यकर्मियों के साथ-साथ उन्हें भी हिरासत में लिया और उनके साथ मारपीट की.

उनका आरोप था कि इसके बाद उनके कपड़े उतरवाकर तस्वीर ख़ीच कर वायरल कर दी.


पीड़ित का हलफ़नामा
ये बात भी सामने आई है कि प्रवेश शुक्ला ने पीड़ित से एक हलफ़नामा लिखवा लिया था.

स्टैम्प पेपर पर पीड़ित का यह हलफ़नामा सामने आया है.

इसमें कहा गया है कि वायरल हो रहा वीडियो फ़र्ज़ी और ग़लत है.

3 जुलाई को बने इस हलफ़नामे में लिखा है कि उस पर दूसरे लोग प्रवेश शुक्ला के ख़िलाफ़ पुलिस में केस दर्ज कराने का दबाव डाल रहे थे.

पीड़ित ने हलफ़नामे में कहा है कि आदेश शुक्ला नाम के व्यक्ति ने प्रवेश शुक्ला के ख़िलाफ़ एससी-एसटी एक्ट के तहत केस दर्ज करने का दबाव बनाया था.

शपथ पत्र में लिखा है कि इसके बदले में उसे ख़ूब सारे पैसे देने को कहा गया था.

पीड़ित ने ये भी लिखा है कि प्रवेश शुक्ला एक राजनीतिक और प्रतिष्ठित व्यक्ति हैं और उन्हें बदनाम करने की साज़िश के तहत ये वीडियो वायरल किया गया है, जो फ़र्ज़ी और ग़लत है.

अभियुक्त के परिजन का आरोप
दूसरी तरफ़ अभियुक्त के पिता रमाकांत शुक्ला ने आरोप लगाया है कि उनका बेटा निर्दोष है और उसे राजनीति कारणों से फँसाया गया है. वो इस तरह का काम नही कर सकता है.

रमाकांत शुक्ला ने बीबीसी को बताया, “वो विधायक प्रतिनिधि पिछले चार-पाँच साल से है और आज भी है. यह जो हुआ है, इसके पीछे राजनीति ही कारण है. कुछ लोग उसके ख़िलाफ़ काम कर रहे थे और उन्होंने ही यह सब बनाया है.”

वही उन्होंने कुछ लोगों के नाम लिए और आरोप लगाया कि वे फ़र्जी वीडियो बनाते हैं और इसे उनकी ही कारस्तानी बताया.

दूसरी ओर पत्रकारों से बात करते हुए गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा, “क़ानून अपना काम कर रहा है. व्यक्ति गिरफ़्तार हो गया है कृत्य बहुत घृणित था. भाजपा की सरकार है. यहाँ क़ानून का राज है. मामले की जानकारी मिलते ही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने तुरंत कार्रवाई के निर्देश दे दिए थे.”

पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने इस पूरे मामले की निंदा करते हुए एक बयान में कहा कि इस घटना ने पूरे मध्य प्रदेश को शर्मसार कर दिया है.

उन्होंने कहा, “मैं मुख्यमंत्री से माँग करता हूँ कि दोषी व्यक्ति को सख़्त से सख़्त सज़ा दी जाए और मध्य प्रदेश में आदिवासियों पर हो रहे अत्याचार को समाप्त किया जाए.”

आदिवासियों पर अत्याचार के मामले लगातार मध्य प्रदेश में आते रहते है. लेकिन इस शर्मनाक घटना ने लोगों को हिला कर रख दिया है.

नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो यानी एनसीआरबी के पिछले साल जारी हुए आँकड़े बताते हैं कि मध्य प्रदेश में आदिवासी और दलितों के ख़िलाफ़ अत्याचार के मामलों में बढ़ोतरी हुई है.

2021 में प्रदेश में एससी/एसटी एक्ट के तहत 2627 मामले दर्ज हुए थे.

ये 2020 की तुलना में क़रीब 9.38 फ़ीसदी अधिक है. वही दलितों पर अत्याचार के 7214 मामले दर्ज किए गए थे.

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आमिर अंसारी

https://twitter.com/i/status/1676440440730537985

डिस्क्लेमर : ट्वीट्स में लोगों के अपने निजी विचार और जानकारियां हैं, तीसरी जंग हिंदी का कोई सरोकार नहीं है