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हिंदू महिलाओं के लिए हिंदुत्ववादी चरमपंथी संगठन आरएसएस ने शुरू किया गर्भ संस्कार अभियान : रिपोर्ट!

भारत में हिंदुत्ववादी चरमपंथी संगठन आरएसएस के महिला सहयोगी संगठन समृद्धिनी न्यास ने गर्भवती महिलाओं के लिए गर्भ संस्कार नाम से एक अभियान शुरू किया है।

समृद्धिनी न्यास की राष्ट्रीय संगठन सचिव माधुरी मराठे ने बताया कि इस अभियान के तहत महिलाओं को गर्भ में ही बच्चों को संस्कृति और मूल्यों की शिक्षा देने को कहा जाएगा।

राष्ट्रीय स्वयंसेविका समिति आरएसएस का महिला प्रकोष्ठ है, इससे जुड़े समृद्धि न्यास संगठन ने स्त्री रोग विशेषज्ञ, आयुर्वेदिक डॉक्टरों और योग प्रशिक्षकों के साथ मिलकर एक कार्यक्रम तैयार किया है, जिसके तहत महिलाओं के गर्भकाल के दौरान गीता और रामायण का पाठ होगा और योग सिखाया जाएगा।

समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, इसका मक़सद गर्भ के अंदर पल रहे बच्चों में सांस्कृतिक मूल्य पैदा करना है। संगठन के मुताबिक़, यह कार्यक्रम महिला के गर्भधारण के बाद से दो साल की उम्र तक चलेगा।

इसके तहत गीता के श्लोक, चौपाई याद करने पर ज़ोर दिया जाएगा। संगठन का कहना है कि गर्भ के अंदर पल रहा शिशु 500 शब्द तक सीख सकता है।

संगठन ने इस अभियान के तहत जेएनयू में रविवार को एक कार्यशाला का आयोजन किया था। इसमें कई स्त्री रोग विशेषज्ञों ने भी हिस्सा लिया था।