उत्तर प्रदेश राज्य

हाथरस : फँस गए दारोग़ा जी और….माँ भारती में जनता के सेवक पुलिस अधिकारियों ने लाठी डंडों से पीटकर दलित की पसली तोड़ दी!

हाथरस में सहपऊ थाने के तत्कालीन प्रभारी निरीक्षक मनीष चिकारा, दरोगा शिवकुमार, कांस्टेबल सौरभ चौधरी एससीएसटी एक्ट के उल्लंघन, लाठी डंडों से पीटकर पीड़ित की पसली तोड़ने, रिश्वत मांगने के आरोपों में फंस गए हैं। विशेष न्यायाधीश (एससी/ एसटी एक्ट कोर्ट) के आदेश पर उनके खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की गई है। मनीष चिकारा अब चार्ज से हट गए हैं और इस समय लाइन में तैनात है।

कस्बा सहपऊ निवासी चेतन प्रकाश ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 173(4) के तहत विशेष न्यायाधीश (एससी/एसटी एक्ट) रामप्रताप सिंह के न्यायालय में प्रार्थना पत्र दाखिल किया था। उसका आरोप है कि 10 अक्टूबर 2024 की शाम के करीब 7:00 बजे मोहल्ले का ही एक व्यक्ति शराब पीकर शोर मचा रहा था। रास्ते में आने जाने वालों को काफी परेशान कर रहा था। इसकी सूचना मैंने थाने पर दी तो पुलिस ने नजरअंदाज कर दिया।

इसके बात चेतन प्रकाश ने उच्च अधिकारियों और डायल 112 नंबर पर कॉल की। पुलिस शोर मचाने वाले उसे व्यक्ति को थाने ले गई। तत्कालीन एसएचओ थाना सहपऊ मनीष चिकारा ने कांस्टेबल सौरभ चौधरी को भेजकर चेतन प्रकाश को थाने पर बुलवाया और वहां बैठा लिया। छोड़ने के नाम पर 50 हजार रुपये की रिश्वत मांगी और नहीं देने पर झूठा मुकदमा बनाकर जेल भेजने की धमकी दी। इन्कार करने पर जाति सूचक शब्दों का इस्तेमाल करते हुए गाली गलौज की और कहा कि हमारी शिकायत उच्च अधिकारियों से करता है। इसके बाद पीटा। इससे मेरी पसली टूट गई। दरोगा शिवकुमार को बुलाकर चालान करवा दिया।

न्यायालय ने थानाध्यक्ष सहपऊ को आदेश दिया कि सुसंगत धाराओं में प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कर नियमानुसार विवेचना कराने और अनुपालन आख्या इस न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत करने के लिए कहा था। सीओ हिमांशु माथुर ने बताया कि इस मामले में मुकदमा दर्ज कर लिया है। जांच की जा रही है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *