

Related Articles
अदिति -इसी नगर में एक बहुत बड़ा ‘सक्सेना’ रहता था
मधुसूदन उपाध्याय अदिति -१ _________ प्राचीन समय की बात है। इतना प्राचीन कि उस समय आदिमानव अभी इन्स्टा, टिंडर और ओयो का आविष्कार भी नहीं कर पाया था। व्हाट्स ऐप, फेसबुक और ट्विटर जैसी पाषाण कालीन चीजें ही अस्तित्व में थीं। विशाल भारतवर्ष की महासागरीय जनसंख्या में एक महानगर था नखलऊ। नखलऊ, सुनते हैं, उर्दू […]
”एक पत्रकार का कैरियर और स्टैंड, दोनों एक साथ नहीं हो सकते”
एक बार एक साधारण व्यक्ति ने खुश होकर एक पत्रकार महोदय को नई साइकिल भेंट कर दी , पर उसमें कैरियर नहीं था। पत्रकार महोदय बहुत खुश हुए और कैरियर लगवाने एक दुकान पर चले गए । पत्रकार महोदय ने दुकानदार से बड़े तेवर में कहा कि ” मैं एक बड़ा पत्रकार हूँ इसलिए मुनासिब […]
*जूते पड़ना*….पर आधारित लघु कथा!
*नयी राह* रवि क्या तुम्हारे पास 100 रुपये हैं?कुछ दिनों के लिये उधार चाहिये।क्या दोगे? झूठ नही बोलूंगा सुधीर,रुपये तो मेरे पास 150 है,पर इनसे मुझे स्कूल के बाद घर सामान लेकर जाना है। प्लीज रवि तुम 100 रुपये मुझे दे दो,आज ही चाहिये,घर पर कोई बहाना बना देना। अरे क्या जूते पडवाओगे?फिर मैं झूठ […]