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”हसलेन” दौनो हाथो से दिव्यांग सपना शिक्षक बनने का : दिलावर अंसारी की रिपोर्ट

दिलावर अंसारी की रिपोर्ट

कटोरिया (बांका) जब तक इंसान खुद ना चाहे कोई भी परिस्थित किसी उसे आगे बढ़ने से नही रोक सकती हमारे समाज में ऐसे बहुत से लोग है जिन्होनें परिस्थितों से डट कर दो दो हाथ किये अपने लिए रास्ते बनाए है होसला के सामने जन्मजात दिव्यांगता भी छोटी पड़ जाती है अपने दिव्यांगता को ही अपना हथियार बनाकर लड़ने ओर जितने वाले बहुत से नाम हमारे सामने है दिव्यांग हसलेन के हौसले की कहानी इनमे से एक है नगर पंचायत कटोरिया वार्ड नम्बर 13 के रहने वाले 14 बर्षीय हसलेन अंसारी पिता अब्बास अंसारी बचपन से ही दोनो हाथो से दिव्यांग है लेकिन उनके हौसले को देखते हुए अच्छे-अच्छे सामान्य लोग दंग रह जाते हसलेन ने अपनी शारीरिक कमजोरी को अपनी दुर्बलता नही बनाकर हौसलो को उड़ान देना तय किया अब हसलेन को देखकर यह नही लगता कि उनको दोनो हाथ ही नही है दिव्यांग हसलेन अपनी पढ़ाई के साथ साथ खराटेदार साइकिल भी चला लेते है लेकिन पढ़ने लिखने का जज्बा इतना कि हसलेन ने अपने पैरों से लिखने का प्रयास शुरू किया आप यकिन नही मानेंगें कि हसलेन पैरों से भी ऐसी लिखती है कि कुछ लोग अपने हाथो से भी नही लिख पाते है हसलेन लग्न मेहनत से मेट्रींक में 284 अंक लाकर संकेण्ड डिवीजन से उर्तीण हुआ हसलेन का सपना है पढ़ लिखकर शिक्षक बनने का हसलेन की मां मोमीना खातुन ने बताया मेरे पति मजदुरी करके किसी तरह घर चलाता है हमें सरकार से मात्र 400रूपये मिलता इतना में घर चलाये या वेटे को पढ़ाये मेरा दिव्यांग वेटा हसलेन पढ़नें लिखने बहुत तेज तर्रार है अगर सरकार से कुछ मदद मिले तो हसलेन का शिक्षक बनने का सपना सकार हो सकता हैा