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क़ितराह: एक सुगंध, जो सबके मन मस्तिष्क को खुशनुमा बना देना चाहती है-लेखिका- Sushma Gupta
चित्र गुप्त ================= क़ितराह: एक सुगंध, जो सबके मन मस्तिष्क को खुशनुमा बना देना चाहती है। ************ उपन्यास की नायिका क़ितराह या कितारा एक ऐसी लड़की है जिसका वर्णन पढ़कर एक बार, बस एक बार उसे देख लेने की चाह ही पूरे जीवन का उद्देश्य बन जाए। कितारा वही कस्तूरी है जिसकी तलाश में मृग […]
हम चाहते कुछ और हैं, होना कुछ और चाहिये, होता कुछ और है। जैसे सब गड्डमगड्ड है….By-सर्वेश तिवारी श्रीमुख
Sarvesh Kumar Tiwari ============ और अंततः एक बरस और बीत गया। बीतता साल यदि राम के बनवास की तरह बीत जाय तो क्या बात हो, पर जीवन बीतता दशरथ की आयु की तरह ही है। यूँ ही चलते चलते पता चलता है कि हाथ से कुछ पल और सरक गए… ‘बिहारी’ मेरे प्रिय कवि हों, […]
ये हमारे बस का नहीं!
Naem Parvez Khan ============== आखिर अंतर फिर भी रह ही गया.🥱 बचपन में जब हम रेल की यात्रा करते थे तो माँ घर से खाना बनाकर साथ ले जाती थी, पर रेल में कुछ अमीर लोगों को जब खाना खरीद कर खाते हुए देखते, तब बड़ा मन करता था कि काश ! हम भी खरीद […]