साहित्य

हर इंसान को सम्मान और प्यार की ज़रूरत होती है

दो लफ्ज
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एक छोटे से गाँव में छोटी बहू, जिसका नाम राधा था, अपने पति और ससुराल वालों के साथ रहती थी। राधा ने बचपन में ही अपने माता-पिता को खो दिया था, और उसे उसकी बुआ ने पाल-पोसकर बड़ा किया था। राधा का स्वभाव बहुत ही सरल, मृदुल और सबकी सेवा में रत रहने वाला था। जब उसकी शादी हुई तो उसे लगा कि अब उसका एक नया परिवार मिलेगा, जो उसका अपना होगा और जो उसे प्यार और अपनापन देगा।

शादी के बाद राधा अपने ससुराल आई। पहले कुछ दिन सबने उसे बड़े प्रेम से अपनाया, लेकिन धीरे-धीरे सब बदलने लगा। राधा की सास बहुत सख्त मिजाज की थीं और उसकी बड़ी ननदें और जेठानी भी उससे ठंडे व्यवहार से पेश आतीं। राधा का पति रमेश अपने काम में व्यस्त रहता और घर की जिम्मेदारियों में अधिक ध्यान नहीं देता। धीरे-धीरे राधा को महसूस होने लगा कि ससुराल में उसे केवल एक नौकरानी की तरह समझा जा रहा है।

राधा सुबह से शाम तक घर के कामों में लगी रहती। उसकी सास उसे हमेशा डाँटती और छोटी-छोटी गलतियों पर उसे ताने देतीं। राधा ने सोचा कि समय के साथ सब ठीक हो जाएगा, इसलिए उसने किसी से कुछ नहीं कहा और चुपचाप सब सहन करती रही। उसे उम्मीद थी कि अगर वह मेहनत से सबकी सेवा करती रहेगी तो शायद परिवार के लोग उसे अपनाएंगे। लेकिन ऐसा कभी नहीं हुआ।

एक दिन गाँव में एक उत्सव था, जिसमें सबने नए कपड़े पहने और अच्छे से सजे। राधा ने भी सोचा कि वह भी थोड़ी खुशियाँ मना लेगी। उसने अपनी पुरानी साड़ी पहनकर थोड़ा सजने की कोशिश की। लेकिन उसकी सास ने उसे ताने मारते हुए कहा कि उसे सजने-सँवरने का कोई हक नहीं है, क्योंकि उसका जीवन तो केवल परिवार की सेवा के लिए है। राधा का दिल टूट गया। वह अपने कमरे में जाकर रोने लगी, लेकिन उसने किसी को अपनी तकलीफ नहीं बताई।

समय बीतता गया, और राधा की हालत और बदतर हो गई। किसी को उसकी परवाह नहीं थी, और किसी ने उसे समझने की कोशिश नहीं की। वह हर रोज अपनी तकलीफों को छुपाकर सबकी सेवा करती रही। एक दिन, बहुत बीमार पड़ने के बाद, उसकी हालत गंभीर हो गई। तब जाकर परिवार वालों को एहसास हुआ कि उन्होंने राधा के साथ कितना अन्याय किया था। सबको यह महसूस हुआ कि राधा ने अपना सब कुछ परिवार की सेवा में लगा दिया, लेकिन उसे कभी प्यार और सम्मान नहीं मिला।

राधा की कहानी समाज के उस पहलू को दर्शाती है, जहाँ बहुओं की मेहनत और त्याग की कोई कद्र नहीं होती। वह कहानी हमें यह सोचने पर मजबूर करती है कि अगर किसी के साथ हम हमेशा कठोर व्यवहार करें तो उसका मन कितनी बार टूटेगा। छोटी बहू की कहानी इस बात की सीख देती है कि हर इंसान को सम्मान और प्यार की जरूरत होती है, और अगर हम किसी के प्रति कृतज्ञ नहीं हैं, तो वह व्यक्ति जीवन में अकेला और टूट जाता है।

 

डिस्क्लेमर : ट्वीट में लेखक के निजी विचार हैं, तीसरी जंग हिंदी का कोई सरोकार नहीं है