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हम अखण्ड चीन का समर्थन करते हैं : ईरान

ईरान के विदेशमंत्री ने एकल चीन का समर्थन करते हुए कहा है कि अमरीकी की उकसावे वाली कार्यवाहियां, अन्तर्राष्ट्रीय शांति के लिए चुनौतियां बनती जा रही हैं।

अमरीकी की संसद सभापति नैनसी पेलोसी की हालिया ताइवान यात्रा के संदर्भ में हुसैन अमीर अब्दुल्लाहियान ने ट्वीट किया है कि देशों की राष्ट्रीय संप्रभुता और अखंडता का सम्मान करना अंतर्राष्ट्रीय नियमों का हिस्सा है।

उन्होंने लिखा है कि इसी संदर्भ में अखंड चीन का समर्थन करना इस्लामी गणतंत्र ईरान की नीति है। एकल चीन के समर्थन पर ईरान की ओर से बल दिया जाना चीन के आंतरिक मामलों में अमरीका की हस्तक्षेपपूर्ण कार्यवाहियों के विरोध के अर्थ में है।

मंगलवार को अमरीका की संसद सभापति नैंसी पेलोसी ने ताइवान की विवादित यात्रा की थी। चीन ने नैंसी पेलोसी के ताइवान दौरे को लेकर आक्रामक रुख अपनाया है और अपने लड़ाकू विमानों को ताइवान के करीब भेज दिया है। पेलोसी के ताइवान पहुंचने के साथ ही चीन के कुछ युद्धक विमान ताइवान के क्षेत्र में उड़ान भरते दिखाई दिये। अमरीका की संसद सभापति की ताइवान यात्रा को चीन के आंतरिक मामलों में वाशिगटन के हस्तक्षेप के रूप में देखा जा रहा है।

सन 1997 के बाद से ताइवान की किसी अमरीकी संसद सभापति की यह पहली यात्रा है। जिस समय नैंसी पेलोसी ने ताइवान की यात्रा आरंभ की थी उसी समय ईरान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नासिर कनआनी ने प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए एकल चीन के समर्थन की नीति पर बल दिया था। उन्होंने इस यात्रा को चीन की संप्रभुता का उल्लंघन बताया था। कनआनी ने कहा था कि ईरान, सभी देशों की संप्रभुता का सम्मान करता है और एकल चीन का समर्थन इसी नीति का ही एक भाग है।

अमरीकी संसद की प्रतिनिधि सभा की स्पीकर नेन्सी पेलोसी के हालिया ताइवान यात्रा को कई देशों ने भड़काऊ क़दम कहा है। अमरीका के भीतर भी इस यात्रा को अनावश्यक कार्यवाही बताया जा रहा है। अमरीकी नेतृत्व की ओर से ताइवान के दौरे को ताइवान की आज़ादी के विचार को उकसाने के इशारे के तौर पर देख रहा है।

वाशिंग्टन में ताइवान के साथ सरकारी सतह पर कोई संबंध नहीं हैं मगर ताइवान के लिए तयशुदा क़ानून अमरीका को इस बात के लिए बाध्य करते हैं कि इस द्वीप के आत्मरक्षा के लिए मदद दी जाए।हालिया कुछ वर्षों के दौरान ईरान और चीन के संबन्धों में प्रगाढ़ता देखी जा रही है विशेषकर अमरीका की विस्तारवादी नीतियों से मुक़ाबले में। अपने द्विपक्षीय संबन्धों को विस्तृत करने में चीन और ईरान के पास कई आधार हैं जिसमें संयुक्त हित सर्वोपरि हैं।

उल्लेखनीय है कि चीन, ताइवान को अपना भाग समझता है। यही कारण है कि अमरीकी प्रतिनिधिसभा की प्रमुख नैंसी पेलोसी की ताइवान यात्रा को वह, चीनी राष्ट्रीय संप्रभुता के उल्लंघन के रूप में देख रहा है इसीलए वह नैंसी पेलोसी की ताइवान यात्रा का घोर विरोध कर रहा है जबकि नैंसी पेलोसी ताइवान की यात्रा करके विश्व जनमत को यह संदेश देना चाहती हैं कि ताइवान, चीन से अलग एक स्वतंत्र देश है जो चीन को किसी भी स्थति में स्वीकार्य नहीं है।