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“बूंदी का रायता….. बाबूजी…. आखिरकार आज हमारी कम्पनी ने प्रोजेक्ट को पूरा कर ही लिया ….खुश होते हुए दीपक सुरेंद्र बाबू से बोला…. शाबाश…. मुझे पता था तुम ही मेरी कम्पनी को संभाल सकते हो खूब तरक्की करो …जीते रहो…. दीपक अपने पिताजी के कमरे में उन्हें आज कम्पनी की कामयाबी की बातें बता रहा […]
बाग़ उजड़ गए….द्वारिका प्रसाद अग्रवाल की कृति
द्वारिका प्रसाद अग्रवाल Lives in Bilaspur, Chhattīsgarh, India ========= बाग उजड़ गए : ========= बाग उजड़ गए बिही के. बिही जिसे अमरूद भी कहा जाता है, मेरे बिलासपुर के आसपास इसकी बेतरह पैदावार हुई करती थी. बिलासपुर से तखतपुर तक हज़ारों एकड़ जमीन, जिसे स्थानीय बोलचाल की भाषा में ‘बिही बाड़ी’ या ‘बिही बगैचा” कहते […]
बैत उक़बा से साज़िश ए क़त्ल तक
Shams Bond =============== #ختم_رسل (٢٧) 🥀🥀🥀🥀🥀🥀🥀🥀🥀🥀 ⭐बैत उक़बा से साज़िश ए क़त्ल तक⭐ ज़माना भी हज का करीब आ गया फिर कमर कस के रब्ब का #हबीब आ गया फिर ख़ुदा के दुहुल का नकीब आ गया फिर कि बातिल का कुहन: रकीब आ गया फिर हुआ जब कबीले में #ख़ज़रज का चर्चा तो यज़रिब […]