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हमास के गढ़ पर क़ब्ज़ा करने की कोशिश में ज़ायोनी सेना ने बनाया ख़तरनाक़ प्लान : रिपोर्ट

अवैध ज़ायोनी शासन,भीषण हमले करके ख़ान यूनुस नगर पर पूरी तरह से नियंत्रण करना चाहते है।

ग़ज़्ज़ा में अवैध ज़ायोनी शासन फासफोरस बमों का प्रयोग कर रहा है। इसी बीच ग़ज़्ज़ा में प्रतिरोधकर्ताओं और ज़ायोनियों के बीच गंभीर झड़पों की ख़बरें हैं। बुधवार की सुबह ज़ायोनियों ने अन्नसीरात, ख़ान यूनुस और दैरुलबलह शरणार्थी शिविरों पर भीषण बमबारी की। इसी के साथ ज़ायोनियों ने ख़ान यूनुस में एक अस्पताल और जेबालिया शरणार्थी शिविर पर भी हमले किये हैं।

स्थानीय सूत्रों का कहना है कि अस्पताल पर उन्होंने कम से कम 70 तोप के गोले बरसाए। जबालिया शरणार्थी शिविर में 100 से अधिक फ़िलिस्तीनी परिवार शरण लिए हुए थे। ग़ज़्ज़ा के आवासीय क्षेत्रों पर ज़ायोनियों के हवाई हमलों में कम से कम 10 ग़ज़्ज़ावासियों के शहीद होने की सूचना है। ताज़ा रिपोर्टों के अनुसार हमास के अलअक़सा तूफान आपरेशन के समय से अबतक 16 हज़ार से अधिक फ़िलिस्तीनी शहीद हो चुके हैं। ग़ज़्ज़ा के अस्पताल के सूत्रों ने बताया है कि अन्तर्राष्ट्रीय संगठनों ने उत्तरी ग़ज़्ज़ा को उसके हाल पर छोड़ दिया है। टीकाकारों का कहना है कि उत्तरी ग़ज़्ज़ा पर हमले करने के बाद दक्षिणी ग़ज़्ज़ा पर अंधाधुंध बमबारी से ज़ायोनियों का मुख्य लक्ष्य, ख़ान यूनुस नगर पर पूरी तरह से नियंत्रण करना है। यह वह नगर है जहां पर हमास का काफी प्रभाव बताया जाता है। बहुत से लोगों का कहना है कि यह शहर मुहम्मद ज़ैफ़ और यहया सिन्वार का जन्म स्थल भी है।

राजनीतिक मामलों के जानकार कहते हैं कि अवैध ज़ायोनी शासन, उत्तरी ग़ज़्ज़ा से दक्षिणी ग़ज़्ज़ा की ओर रुख करके तीन लक्ष्यों का पीछा कर रहा है। पहले यह कि उत्तर मे प्रगति के मार्ग में आने वाली बाधाओं को तोड़ना। दूसरे हमास के गढ़ के रूप में ख़ान यूनुस पर पूरी तरह से नियंत्रण स्थापित करना और तीसरे यह कि ग़ज़्ज़ा पर अधिक से अधिक बमबारी करके ग़ज़्ज़ावासियों को अधिक से अधिक नुक़सान पहुंचाते हुए हमास को घुटने टेकने पर मजबूर करना। ज़ायोनी समझते हैं कि ग़ज़्ज़ा में गंभीर मानवीय त्रासदी पैदा करके हमास से अपनी शर्तें मनवाई जा सकती हैं।

हालांकि यह वास्तविकता है कि कई सप्ताहों तक ग़ज़्ज़ा पर लगातार आक्रमण करने के बावजूद फ़िलिस्तीनियों विशेषकर ग़ज़्ज़ावासियों के बीच हमास की लोकप्रियता में कोई कमी नहीं आई है बल्कि उसमें और अधिक वृद्धि हो रही है। रणक्षेत्र की स्थति बताती है कि फ़िलिस्तीनियों ने ज़ायोनियों के मुक़ाबले में अपने मोर्चे को इतना मज़बूत बना दिया है जिसके कारण ख़ान यूनुस की ओर ज़ायोनी सैनिकों की प्रगति बहुत ही धीमी हो चुकी है। ज़ायोनी समीक्षकों ने युद्ध में ज़ायोनियों की विफलता को स्वीकार करते हुए ग़ज़्ज़ा में हमास के कड़े प्रतिरोध की सूचना दी है। ज़ायोनियों के टीवी चैनेल-12 के एक विशलेषक एहूद बिन हीमू ने कहा है कि जो लोग भी यहया सिनवार और उनके साथियों के समर्पण का सपना देख रहे हैं वे किसी दूसरी दुनिया में ज़िन्दगी गुज़ार रहे हैं।