हमास के ऑप्रेशन पर रूस और चीन की प्रतिक्रिया : हमास के हमले में इस्राईल की खुली पोल, मदद के लिए भिखारी ने फैलाए हाथ : रिपोर्ट
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हमास के अल-अक़सा स्टॉर्म ऑप्रेशन के बाद, अमरीका और पश्चिमी देशों ने हमेशा की तरह ज़ायोनी शासन का अंधा समर्थन कर दिया और इस्राईल को हथियार पहुंचाने शुरू कर दिए, लेकिन इसके बावजूद, विश्व दो प्रतिद्वंद्वी महाशक्तियों रूस और चीन ने अलग ही स्टैंड लिया है और फ़िलिस्तीनियों के अधिकारों की उपेक्षा को मौजूदा स्थिति के लिए ज़िम्मेदार क़रार दिया है।
रूस के विदेश मंत्रालय ने शनिवार को एक बयान जारी करके कहाः मास्को का मानना है कि फ़िलिसतीनी प्रतिरोधी गुटों और इस्राईल के बीच तनाव में वृद्धि का कारण, संयुक्त राष्ट्र और सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों को नज़र अंदाज़ किया जाना है।
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन का भी कहना है कि अमरीका ने मध्यपूर्व के संघर्षों में एकतरफ़ा अमल किया है और दोनों पक्षों के लिए स्वीकार कोई समाधान पेश नहीं किया है। ग़ज्ज़ा पट्टी के ख़िलाफ़ इस्राईल के बर्बर हमलों का उल्लेख करते हुए पुतिन ने कहाः मैं समझता हूं कि हर कोई मेरे इस विचार से सहमत होगा कि मध्यपूर्व में अमरीकी नीतियों की हार हुई है।
इसी प्रकार, पुतिन ने कहा कि कार, पुतिन ने मैं समझता हूं कि हर कोई मेरे इस विचार से सहमत होगा कि मध्यपूर्व में अमरीक के ख़िलाफ़ इस्राईल के बर्बर हमलोंअमरीका की मध्यपूर्व नीति की विफलता के कारण ही फ़िलिस्तीनी प्रतिरोधी समूहों और इस्राईल के बीच, लड़ाई भड़की है। बाइडन प्रशासन फ़िलिस्तीनी मुद्दे को दो राष्ट्रों की स्थापना का दावा करके हल करना चाहता है, लेकिन वह हमेशा ही आंखें बंद करके तेल अवीव का एकतरफ़ा समर्थन करता रहा है। वह फ़िलिस्तीनियों की भूमियों पर ज़ायोनी शासन के क़ब्ज़े को फ़िलिस्तीनियों पर उसके अत्याचारों को जायज़ ठहराता रहा है। स्वाभाविक है कि इस स्थिति के जारी रहने और फ़िलिस्तीनियों पर बढ़ते दबाव और अत्याचारों के कारण, प्रतिरोधी समूहों की प्रतिक्रिया अल-अक़सा स्टॉर्म ऑपरेशन के रूप में सामने आई है। अल-अक्सा स्टॉर्म ज़ायोनी शासन के क़ब्जे और एकाधिकारों के ख़िलाफ़ क़ानूनी संघर्ष का एक रूप है।
पश्चिमी देशों ने एकतरफ़ा तौर पर फ़िलिस्तीनी प्रतिरोधी संगठनों के ऑप्रेशन की निंदा की है। इसके विपरीत रूस ने काफ़ी हद तक वास्तविकता के मद्देनज़र अपना पक्ष ज़ाहिर किया है। उसका मानना है कि ज़ायोनी शासन के अधिकारियों के साथ ही इस स्थिति के लिए मुख्य अपराधी अमरीका है। इसी के साथ मास्को ने अल-अक्सा स्टॉर्म की निंदा करने से इनकार कर दिया है।
इसी तरह का रुख़, चीन ने भी अपनाया है और अल-अक्सा स्टॉर्म ऑपरेशन की निंदा करने से इंकार कर दिया है। हालांकि पश्चिमी देशों ने बीजिंग पर दबाव बनाया, लेकिन चीनी अधिकारियों ने इस पर निष्पक्ष रूख़ अपनाया। रविवार को चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने फ़िलिस्तीन में मौजूदा तनाव और हिंसा पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए इस बात पर ज़ोर दिया कि संकट से निकलने का मुख्य रास्ता दो-राष्ट्रों के निर्माण का कार्यान्वयन और एक स्वतंत्र फ़िलिस्तीनी राष्ट्र की स्थापना है।
इस प्रकार, रूस की तरह, चीन ने कोई एकपक्षीय रुख़ अपनाने के बजाय, फ़िलिस्तीनी मुद्दे के समाधान लिए संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों के आधार पर समाधान करने की आवश्यकता पर ज़ोर दिया है।
हमास के एक हमले में इस्राईल की खुली पोल, मदद के लिए फैलाए हाथ, हथियारों का ज़ख़ीरा लेकर पहुंचा अमेरिकी विमान
फ़िलिस्तीन के इस्लामी प्रतिरोध आंदोलन हमास के एक हमले में इस्राईल रेत के पहाड़ की तरह ढह गया है। कल तक अपनी सैन्य शक्ति का गुणगान करने वाला अवैध आतंकी ज़ायोनी शासन आज इतना बेबस नज़र आ रहा है कि उसने अमेरिका समेत दुनिया के कई देशों से मदद की गुहार लगाई है।
प्राप्त रिपोर्ट के मुताबिक़, इस्राईली सेना ने एक बयान जारी करके आधिकारिक तौर पर यह सूचना दी हमास के साथ जारी युद्ध में उसकी मदद के लिए अमेरिकी विमान गोला-बारूद लेकर इस्राईल पहुंच गया है। इस बीच ज़ायोनी प्रधानमंत्री ने एक बयान जारी करके दुनिया भर में मौजूद ज़ायोनियों से चंदा जमा करने और इस्राईली सेना की मदद करने की भी अपील जारी की है। प्राप्त जानकारी के अनुसार, इस्राईली रक्षा बल (आईडीएफ) के प्रवक्ता डैनियल हागारी ने बुधवार को जारी बयान में कहा, अमेरिकी विमान “उन्नत गोला-बारूद लेकर मंगलवार रात इस्राईल के दक्षिणी नेगेव रेगिस्तान में नेवातिम एयरबेस पर उतर चुका है।”
इस बीच यूएस सेंट्रल कमांड ने भी अपने बयान में कहा है कि यूएसएस गेराल्ड आर. फोर्ड कैरियर स्ट्राइक ग्रुप हमास के ख़िलाफ़ इस्राईल की सैन्य क्षमता को और अधिक बढ़ाने और इस जारी संघर्ष को रोकने के लिए पूर्वी भूमध्य सागर पहुंचा। वहीं सोशल मीडिया के यूज़र्स समेत दुनिया भर के राजनीतिक टीकाकारों का कहना है कि यह काफ़ी आशचर्य की बात है कि इस्राईल जो कल तक अपनी सैन्य शक्ति का ढिंढोरा पीटता थकता नहीं था आज वह फ़िलिस्तीन के प्रतिरोधक बल हमास के एक हमले में ढेर हो गया है और अब उसे अमेरिका समेत दुनिया भर में मौजूद उसके समर्थकों से मदद की ज़रूरत महसूस हो रही है। जानकारों का मानना है कि अगर युद्ध की स्थिति कुछ दिनों तक यूं ही बनी रही तो इस्राईल पूरी तरह ख़त्म हो जाएगा।
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